Friday 8 March 2013

आम की सूखी डाली से बच्चों की बेरहमी से पिटाई


                     आम की सूखी डाली से बच्चों की बेरहमी से पिटाई

वाराणसी जिले के बडागाव ब्लाक अंतर्गत प्राथमिक विधालय बड़ेपुर बेलवा में नियुक्त शिक्षक श्री.रामखेलावन दवारा 28 फरवरी 2013 को आम की सूखी डाली से बच्चों की बेरहमी से पिटाई की गयी मध्याह्न भोजन के बाद बच्चें विधालय परिसर में खेल रहे थे कि गुस्से में शिक्षक श्री रामखेलावन बच्चों के पास आकर उन्हें मारते हुए अपने क्लास में जाने के लिए कहा, चोट खाकर डरे-सहमे बच्चे अपने क्लास में आकर बैठ गये | लेकिन शिक्षक महोदय का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ था | उनके द्वारा क्लास पाँच (5)के बच्चों से एक साथ एक से बारह(1-12 ) पाठो पर एक साथ प्रश्न- उत्तर पूछा जाने लगा | सहमें बच्चे ठीक से उत्तर नहीं दे पाये, जिसके बाद शिक्षक महोदय का गुस्सा और बढ़ गया | आग-बबूला शिक्षक दोबारा उसी आम की सूखी डाली से बच्चों की हथेली सामने करवाकर बुरी तरह पीटा इतना ही नही क्लास दो और तीन (2 -3 )के बच्चों को उनके कमरे में जाकर भी पिटाई की उन बच्चों का कसूर था की किसी शिक्षक के न होने के कारण वे आपस में बातें कर रहे थे, जिससे पैदा हुआ ध्वनि उन्हें परेशान कर रही थी|
    शिक्षक के इस गुस्से से 22 बच्चे गंभीर रूप से चोटिल हो गये | इस बीच में शिक्षा मित्र सुश्री ममता द्वारा कई बार उन्हें रोकने कि कोशिश की लेकिन उन्होंने शिक्षा मित्र की एक न सुनी विधालय बंद होने के बाद बच्चे उसी गाँव में स्थित संत कबीर जनमित्र सामुदायिक केंद्र में पहुचे और वहा उपस्तिथि कार्यकर्ता मंगला प्रसाद को अपने पिटाई की बात बताए |मंगला प्रसाद ने तुरंत विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक श्री प्रभात यादव से फोन पर बात की उनके द्वारा बताया गया की वे घटना के समय विद्यालय में नही थे कल विद्यालय आकर वे उचित कदम उठाएंगे | इसके बाद मंगला प्रसाद द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी महोदय से घटना के संदर्भ में बात की गयी जिसके बाद 1 मार्च 2013 को खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय और गाँव  में आकर बच्चों एवं उनके माता पिता से बयान लिया गया और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय के निर्देश पर शिक्षक श्री रामखेलावन को निलम्बित कर दिया गया | इस खबर को अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया | मानवाधिकार जननिगरानी समिति के सुझाव  पर 19 बच्चों को टिटनेस की सुई और दर्द निवारक  दवाये दिलवाई गयी |

शिक्षक के इस आक्रामक व्यवहार के संदर्भ में जानने के प्रयास में पता चला कि इन शिक्षक महोदय को आज तक तनख्वाह नहीं मिली है डायट में उनके मार्कसीट मंगायी गयी है जिससे वे धूप से काफी परेशान रहते है |