आंगनबाड़ी सेवाओं में गुणवत्ता पंहुच एवं संसाधनों की उपलब्धता की
धरातलीय स्थिति
मानवाधिकार जननिगरानी समिति द्वारा बाल अधिकार के
सरंक्षण एवं संबर्धन के उद्देश्य से संचालित परियोजना क्षेत्र के पिंडरा ब्लाक के
पिंडरा ग्रामसभा - रमईपुर, रायतारा, राजेतारा, खरुआपर, एवं मीराशाह में संचालित
पांच आंगनबाड़ी केन्द्रों में आंगनबाड़ी सेवाओं में
गुणवत्ता, पंहुच एवं संसाधनों की उपलब्धता की धरातलीय स्थिति अध्ययन किया गया |
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा बच्चों के
पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, एवं विकास के उद्देश्य से समेकित बाल विकास योजना (ICDS)
के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से दी जा रही सेवाओं की
गुणवत्ता, पंहुच, और संसाधनो की उपलब्धता की धरातलीय स्थिति की जानकारी के
दृष्टिकोण से अध्ययन किया गया, जिससे धरातलीय स्थिति से अवगत होकर सेवाओं में
गुणवत्ता सुधार एंव लाभार्धियो की पहुँच सेवाओं तक सुनिश्चित हो सके |
अध्ययन की प्रक्रिया – अध्ययन के एक चरण
में आंगनबाड़ी कार्यकर्ती से केंद्र में संसाधनों की उपलब्धता के सन्दर्भ में
प्रश्न पूछे गये एवं दूसरे चरण में लाभार्थी
महिलाओं द्वारा सचित्र प्रश्नावली को देखकर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर के आधार पर
रिपोर्ट तैयार किया गया है | यह अध्ययन पांच आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के आलावा इन
ग्रामो के कुल एक सौ पैतीस महिलाओं के साथ किया गया है |
आंगनबाड़ी केंद्र की प्राथमिक सूचनाएं -
आंगनबाड़ी केंद्र रमईपुर पटेल बस्ती में कार्यकर्ती सुश्री राजकुमारी एवं सहायिका
सुश्री मंजू देवी, राजेतारा चमार बस्ती में सुश्री रीना देवी एवं सहायिका सुश्री
शशिकला, रायतारा मुसहर बस्ती में सुश्री अनीता देवी एवं सुश्री हंसा देवी, खरुआपर
मुसहर बस्ती में सुश्री विजय लक्ष्मी एवं सहायिका सुश्री मीरा देवी, मीराशाह फकीर
बस्ती में सुश्री मीना कुमारी एवं सहायिका सुश्री हंसा देवी की नियुक्ति है | इस
क्षेत्र की मुख्य सेविका / सुपरवाइजर सुश्री शीला यादव एवं बाल विकास परियोजना
अधिकारी (CDPO) सुश्री रुक्मिणी देवी हैं |
आंगनबाड़ी संचालन स्थल – खरुआपर केंद्र
मुसहर में विभाग द्वारा निर्मित सरकारी भवन में संचालित है रमईपुर केंद्र पटेल
बस्ती में पीपल के पेड़ के नीचे, राजेतारा केंद्र चमार बस्ती में आंगनबाड़ी
कार्यकर्ती के घर पर पेड़ के नीचे, रायतारा केंद्र मुसहर बस्ती में पेड़ के नीचे,
मीराशाह केंद्र फकीर बस्ती में पेड़ के नीचे संचालित है |
केंद्र में लाभार्थी संख्या – 0-6 माह के कुल बच्चे रमईपुर में 17 की
संख्या में हैं, राजेतारा में कुल 12 की संख्या में हैं, रायतारा में कुल 2 की
संख्या में हैं, खरुआपर कुल 12 की संख्या में हैं, मीराशाह में कुल 16 की संख्या
में हैं |
7 माह से 3 वर्ष के कुल बच्चे रमईपुर
में 70 की संख्या में हैं, राजेतारा में
कुल 51 की संख्या में हैं, रायतारा में इस उम्र में किसी बच्चे का नामांकन
नही है, खरुआपर कुल 71की संख्या में, मीराशाह में कुल 47 की संख्या में, हैं |
3-6 वर्ष के कुल बच्चे रमईपुर में कुल 60
की संख्या में, राजेतारा में कुल 69 की संख्या में, रायतारा में कुल 63 की संख्या
में, खरुआपर 72 की संख्या में, मीराशाह में 43 की संख्या में हैं |
किशोरी
बालिकाओं की कुल संख्या रमईपुर में कुल 117 किशोरियों की संख्या है, राजेतारा में
कुल 90 किशोरियों की संख्या है, रायतारा में किशोरियों बालिकाओं का नामांकन नही
है, खरुआपर में कुल 62 किशोरियों की संख्या है, मीराशाह में कुल 121 किशोरियों की
संख्या दर्ज है |
गर्भवती महिलाये रमईपुर में कुल 13
गर्भवती महिलाये, राजेतारा में कुल 11 गर्भवती महिलाये, रायतारा में कुल 16
गर्भवती महिलाये, खरुआपर कुल 6 गर्भवती महिलाये, मीराशाह में कुल 7 गर्भवती
महिलाये हैं | इसी प्रकार धात्री
महिलाओं की संख्या रमईपुर में कुल 17 धात्री महिलाये, राजेतारा में
कुल 12 धात्री महिलाये, रायतारा में कुल 2 धात्री महिलाये, खरुआपर कुल 12 धात्री
महिलाये, मीराशाह में कुल 11 धात्री महिलाये हैं |
कुपोषित बच्चों की संख्या जो बताया गया रमईपुर
में शून्य, राजेतारा में 1 बच्चा, रायतारा में 2 बच्चे, खरुआपर 2 बच्चे, मीराशाह में
1 बच्चा इस प्रकार कुल 6 बच्चे कुपोषण ग्रस्त सूचि में दर्ज हैं |
इस प्रकार इन पांच आंगनबाड़ी केंद्र में 0 - 6 माह
के कुल बच्चों की संख्या 59 है, 7 माह – 3 वर्ष के कुल बच्चों की संख्या 239 है, 3
– 6 वर्ष के कुल बच्चों की संख्या 307 है, किशोरियों की कुल संख्या 390 है, गर्भवती
महिलाओं की कुल संख्या 53 है, धात्री माताओं की कुल संख्या 54 है, एवं कुल कुपोषित
बच्चों की संख्या 6 है | विदित हो की संख्या आधारित यह सम्पूर्ण जानकारी आंगनबाड़ी
कार्यकर्ती द्वारा दी गयी है |
आंगनबाड़ी केंद्र में संसाधनों की उपलब्धता –
आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तरह से संसाधनो के आभाव में संचालित हैं संसाधन विहीन केंद्र किस प्रकार बच्चों एवं
महिलाओं के पोषण स्वास्थ्य एवं विकास में सहायक होंगे जब वे खुद ही संसाधन रूपी
पोषण के आभाव में कुपोषण से ग्रस्त हैं | इन पांच केन्द्र में से केवल एक केंद्र खरुआपर
ही बच्चों के बैठने के लिए दरी है शेष चार
में बच्चे पोषाहार की खाली बोरियों पर बैठते हैं | इसी प्रकार कंही भी बच्चों के
लिए खाना पकाने का बर्तन नही है कार्यकर्ती अपने घर से खाना बनाकर लातीं हैं जो की
व्यवहारिक नही है की इससे बच्चों को समुचित मात्रा में पोषाहार मिलता होगा | केवल
दो केंद्र में ही बच्चों को खाना खाने के लिए टिफिन और कटोरी मिला है शेष तीन
केंद्र पर बच्चे कटोरी या थाली लेकर पोषाहार की आस में अपने घर से निकलते हैं यह
मानवीय गरिमा को ठेस पहुचाने वाला व्यवहार है | मीराशाह फकीर बस्ती में आंगनबाड़ी
कार्यकर्ती द्वारा स्वयं से वहन कर बच्चों के पानी पीने के लिए प्लास्टिक की
बाल्टी का इंतजाम किया गया है शेष चार केंद्र में बच्चे हैन्डपम्प से सीधे पानी
पीते हैं |
केंद्र
में वजन मशीन या तो नही है अगर है तो सही हालत में नही है एसी अवस्था में बच्चो का
वजन किस प्रकार सम्भव है किस प्रकार कार्यकर्ती बच्चों का ग्रोथ चार्ट बनाकर
बच्चों के पोषण विकास की निगरानी करतीं हैं |
बच्चों
की लम्बाई और बांह नापने हेतु अलग – अलग टेप किसी भी केंद्र में नही है , रेफरल
पर्ची , पेट के कीड़े मारने की गोली , आयरन की गोलोयाँ किन्ही एक दो केंद्र में ही
है साबुन, तौलिया, शीशा कंघी आदि जैसी चीजो की व्यवस्था नही है जिससे बच्चों में
साफ सफाई के प्रति चेतना पैदा किया जा सके |
बच्चों
को स्कूल पूर्व “पूर्व प्राथमिक शिक्षा” से जोड़ने अक्षर शब्द गीत कविता कहानी आदि
कोई सन्दर्भ सामग्री नही होने के कारण कार्यकर्ती बिना शिक्षण कार्य के केवल सतुआ
वितरण का केंद्र जाना जाता है |महिलायों और किशोरियों के बीच बेहतर पोषण एवं स्वास्थ्य
के लिए शिक्षा कार्यक्रम की सन्दर्भ सामग्री राजेतारा केंद्र के आलावा किसी भी
केंद्र में उपलब्ध नही है | एक तरफ लाभार्थी समुदाय के पास अपेक्षित और आवश्यक
जानकारियां नही हैं तो दूसरी तरफ सेवा प्रदाताओं द्वाराकमजोर और एवं आधी अधूरी
प्रकिया के कारण अति वंचित समुदायों के बीच कुपोषण, रुग्णता, शिशु – बाल व मात्री
मृत्यु दरों में कमी कैसे लायी जाएगी |
लाभार्थी महिलाओं का सेवा की प्राप्ति के सन्दर्भ
में विचार –ग्राम सभा पिंडरा केरमईपुर, राजेतारा, रायतारा, खरुआपर एवं मीराशाह सहित कुल पांच
टोलों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र से जुड़े लाभार्थिओं से सचित्र प्रश्नावली
प्रपत्र को साझाकर उनसे सेवा प्राप्ति के सन्दर्भ में कुल आठ प्रश्न किया गया जिस
सन्दर्भ में उनके द्वारा दिए गये उत्तर के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गयी है |
लाभार्थियों द्वारा दिए गये उत्तर के अनुसार रिपोर्ट का सारांश निम्न है |
सर्वप्रथम लाभार्थी समुदाय से प्रश्न किया गया की क्या उनके बस्ती में
आंगनबाड़ी केंद्र पक्के भवन में संचालित है ?
सिर्फ 9.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बताया कि केंद्र पक्के भवन में संचालित
है | विदित हो की खरुआपर केंद्र पक्के भवन में संचालित है |
52.6 प्रतिशत ने बताया कि आंगनबाड़ी सहायिका
बच्चों को बुलाने आतीं हैं शेष 45.9 प्रतिशत ने बताया कि सहायिका बच्चों को बुलाने
नही आतीं हैं | 40.7 प्रतिशत ने यह बताया कि केंद्र में उनके बच्चों को स्कूल
पूर्व शिक्षा दी जाती है | 57.8 प्रतिशत
ने बताया कि बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा नही दी जाती है |
क्या बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में प्रतिदिन पका
हुआ भोजन मिलता है इस सन्दर्भ में 76.3 प्रतिशत लोगों ने बताया कि बच्चों को पका
हुआ भोजन नही मिलता है | जब गर्भवती और धात्री महिलाओ को पोषाहार मिलने के सन्दर्भ
में पूछा गया तब 80 प्रतिशत ने बताया कि हमें यह पोषाहार मिलता है |
समुदाय से जब यह जानकारी लेने का प्रयास किया गया
कि क्या उन्हें पोषण स्वास्थ्य की शिक्षा मिलती है जिसके सन्दर्भ में 83 प्रतिशत
ने बताया की नही हमें पोषण स्वास्थ्य की कोई जानकारी नही मिलती है | आंगनबाड़ी
केंद्र में गर्भवती महिलाओ एवं बच्चों का टीकाकरण होता है इस पर 85.2 प्रतिशत ने
बताया की हाँ टीकाकरण होता है | लेकिन जब पूछा गया कि क्या आंगनबाड़ी से गर्भवती
महिलाओ को 100 आयरन की गोलियां खाने की सलाह दी जाती है |
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