Tuesday 16 December 2014

पाकिस्तान में पेशावर के आर्मी पब्लिक स्कूल में बच्चों के साथ हुयी घटना पर PVCHR में मिनट का मौन

पेशावर के आर्मी स्कूल में आतंकवादियों ने जिस तरह से मासूम बच्चो व अध्यापको को मौत की नींद सुला दिया है इससे ऐसा प्रतीत होता है की पूरी दुनिया में आतंकवाद का खेल खेलने वाले बौखला गए है क्योकि पूरी दुनिया में इनके खिलाफ आवाज उठने लगी है जिससे ये लोग डरकर सबसे कमजोर और मासूम माने जाने वाले बच्चो पर हमला करना शुरू कर दिया है जो अत्यन्त निंदनीय है | इसकी मानवाधिकार जननिगरानी समिति ने अपने कार्यालय में सुबह कड़ी निंदा करते हुए उन शहीद बच्चो व अध्यापको की आत्मा की शांती के लिये 2 मिनट का मौन रखा और उनके परिवार को इस दुःख की घड़ी में सहने की शक्ति के लिए प्रार्थना की |
आज फाँसीवादी और धार्मिक कट्टरपंथी ताकते अब हतोत्साहित और निराश होकर मानवता पर हमला करना शुरू कर दिया है लेकिन दक्षिण एशिया में बहुलतावाद और समावेशी लोकतंत्र को स्थापित करने के लिए हम फांसीवादी और धार्मिक कट्टरपंथी ताकतों का विरोध करते है



Wednesday 3 December 2014

देश के सबसे तेज धावक की पहचान क्राई (CRY) पार्टनर संस्थाओं की भागीदारी

देश के सबसे तेज धावक की पहचान क्राई (CRY) पार्टनर संस्थाओं की भागीदारी
वाराणसी ! भारतीय गैस प्राधिकरण (गेल) ने स्पोमेंट संस्था के साथ 28 नवम्बर 2014 शुक्रवार को  'गेल : द फास्टेस्ट इंडियन' के 16 वा चरण ही शुरुआत की जिसमें विभिन्न स्कूलों व NGO के 11 से 14 वर्ष आयु वर्ग के छात्र और छात्राओं ने 100, 200 और 400 मीटर दौड़ में हिस्सा लिया।
क्राई (CRY) पार्टनर के 8 संस्थाओं (JMN, ERS, SRF, KSS, JSK, ROSA, SPS, SVS) के कुल 66 बच्चों ने 100, 200 और 400 मीटर दौड़ में THE FASTEST INDIAN प्रतियोगिया में रजिस्ट्रेशन करा कर भागीदारी किये | खेल के नियमानुसार  100, 200 और 400 मीटर दौड़ निर्धारित समय सीमा के अन्दर करना था | 100 मीटर की दौड़ में पार्टनर संस्थाओं के कुल 52 बच्चों ने भाग लिया भाग लिया | इसी तरह 200 मीटर की दौड़ में कुल 51 बच्चों ने  भाग लिया भाग लिया |और 400 मीटर की दौड़ में कुल 19 बच्चों ने  भाग लिया भाग लिया | 
 FASTEST INDIAN प्रतियोगिया में भागीदारी करने से बच्चों के अन्दर बहुत ही ज्यादा उत्साह रहा बच्चों ने कहा कि खुशी इस बात कि है कि हम लोंगो ने पहली बार इस तरह के खेल में हिस्सा लिया और आगे कभी इस तरह के खेल में मौका मिलेगा तो हम लोग जरूर स्थान लायेंगे | इस तरह बच्चों कि अभिव्यक्ति रही | अन्य विद्यालय से आये बच्चों के साथ बच्चों ने परिचय लिया-दिया और दोस्ती किये | खेल के आयोजक मण्डल ने बच्चों का ग्रुप फोटोग्राफी किये और बच्चों से मिले | 
क्राई (CRY) पार्टनर संस्थाओं के कुल 66 बच्चों का विवरण
CHILD LIST - JMN- 11, ERS- 4, SRF- 8, KSS- 9, JSK- 11, ROSA- 10, SPS- 9, SVS- 4 =66 
ADULT LIST - JMN- 3, ERS- 1, SRF- 4, KSS- 2, JSK- 2, ROSA- 2, SPS- 1, SVS- 1= 16 




















   
    


Tuesday 18 November 2014

Paradigm shift of elimination of 

       malnutrition in villages

PVCHR got happy after reading the news published in daily Hindi newspaper that Shri Pranjal Yadav District Magistrate of Varanasi adopted Ayer village  from Harhuwa block and Baikunthapur village from Pindra and CDO Vishakha ji adopted Nehiya from Pindra  block and Baithauli from Harhuwa block under the Uttar Pradesh State Government program “State Nutrition Mission”. (Reference of the news published in Amar Ujala on 16th November, 2014)

The most marginalized ghetto (Basti) of the above selected three villages (Ayer, Bhaithauli and Nehiya) are also being adopted by PVCHR  for creating it as Child Friendly Model Village in 2006 (Ayer and Bhaithauli) and Torture free model village (Nehiya) in 2010.

Organization believes that Education will break the cycle of poverty, improve equity, empower women, and create health awareness and moreover improved democracy and accountability.  So, in 2006 with the support of Sir Dorabji Tata Trust runs Pre-Primary Center in Ayer and Bhaithauli for the first learners. In 2007 Ms. Helma Ritscher, Chairperson, Indo- German Society of Remscheid visited Ayer village and together with the community and PVCHR core group and core – team decided to build room in musahar ghetto with economic assistance from Inwent, Germany through DIG. Understanding the importance of education Mr. Sijjan and Somaru Musahar donated the land to build the pre- primary centre with the kitchen. On 6th September, 2007 Ms. Veena, District Magistrate of Varanasi and Mr. Kim, Director-Trustee of May 18 Foundation and participants of 4th May 18 Academy of South Korea inaugurate this Eklavya Centre.

The Eklavya center was development as a model center which provides holistic development to the child i.e. education, food and playing material. The food, playing items, educational materials were provided with the support of Ms. Parul Sharma an NRI based in Sweden, which break the culture of silence and children enrolled in school for primary education Working for providing education to the most marginalized communities was not easy for the organization. A dedicated worker Mr. Brijesh Pandey faced threat and discrimination from BSA (Basic Siksha Adhikari) on bringing the corporal punishment of Suresh Mushar due to caste based discrimination.

In 2011 PVCHR with the support from Child Right and You (CRY) implemented many Multi-dimensional activities implemented in four ways to ensure Right to Participation, Right to survival, Right to Development, and Right to Protection of children through (1) Direct activity with children (2) Action with community (3) Direct action with local self – governance (4) Networking and policy advocacy, which is creating child right grid model. (5) Facilitate effective implementation of other legislations for child protection in the Model village.   

Now children are discussing and advocating for their rights through children parliament Sant. Ravidas Bal Panchayat.

After malnutrition mapping and intervention 76 families received emergency assistance of 1000 Rupees as per the directive issued byUttar Pradesh government on 24 December, 2004 signed by the chief secretary. This directive requires every Village Council in the state to form a committee for hunger and malnutrition.

In 2009 during the mass protest of the Voice of People (VOP) a state level network for the working on child rights issues. The marginalized communities of Nehaiya village join in the movement and came in the contact of PVCHR.  In 2010 PVCHR adopted this village for creating as torture free model village.
After the intervention on the folk school, situational analysis and campaign these village developed infrastructure and major marginalized communities are benefited with the Government schemes.

On this moment PVCHR heartily thanks to Ms. Shruti Nagvanshi, its team, Dalit team, Helma ji and Indo- German society of Remschied, Germany, Ms. Parul Sharma, Raj Dulari Foundation, Dignity: Danish Institute Against Torture, Voice of People, Child Right and You and Sir Dorabji Tata Trust for support.

for more information please visit this link: 




Monday 17 November 2014

बालदिवस 14 नवम्बर 2014


































बालदिवस 14 नवम्बर 2014 ! वाराणसी के सुप्रसिध्द स्कूल Krishnamurti Foundation India RAJGHAT BESANT SCHOOL  मैनेजमेंट के निमंत्रण और विशेष आग्रह पर  जनमित्र न्यास (JMN/ PVCHR से बाल पंचायत के कुल 18 बच्चे, 9 बाल अधिकार कार्यकर्ता व मैनेजिंग ट्रष्टी श्रुति नागवंशी बालदिवस मनाने पहुँचे |  BESANT SCHOOL के मैनेजमेंट  के लोगो ने बच्चों का स्वागत बहुत ही शिष्टाचार तरीके से किये जो बाल पंचायत के बच्चों को दिल को छु लिया बच्चों ने कहा कि इस तहर के बहुत ही कम अवसर मिलता है जो इतने सम्मान जनक तरीके से हमारे साथ कोई मिलता है , इस तरह के व्यवहार से बच्चे बहुत ही कम समय में अपने को सहज महसूस करने लगे और सभी से बात-चित करना शुरू कर दिये  | सुबह 10 बजे जनमित्र न्यास के बाल पंचायत के बच्चों ने मिसिंग चिल्ड्रेन के मुद्दे पर आधारित खो गए है हम नाटक का Presentation किये | नाटक समाप्त होने के बाद मिसिंग चिल्ड्रेन व अन्य मुद्दों पर बच्चों ,शिक्षक व मैनेजमेंट के लोगो से  संवाद कर जानने की कोशिश किये कि ये नाटक आप को कैसा लगा  | इसके बाद Interactiv session एक खेल के माध्यम से चला जिससे सभी बच्चे व बड़े एक दूसरे के बारे में जानकारी लिए  | RAJGHAT BESANT SCHOOL के बच्चे व JMN बाल पंचायत के बच्चों ने अलग-अलग तरीके का कई Fun Games खेले | इस खेल के माध्यम से सभी बच्चे विभिन्न तरह की जानकारिया लिए और भरपूर खेल का आनन्द उठाये | इसके बाद JMN बाल पंचायत के बच्चों को शिक्षक महोदय ने पूरे कैम्पस का भ्रमण कराकर स्कूल Krishnamurti Foundation India RAJGHAT BESANT SCHOOL से अवगत कराये बच्चों ने भ्रमण के दौरान भी कई तरह के सवाल-जबाब किये और वहा के प्राकृतिक सौन्दर्य को बच्चों ने गहराईयों तक देखा | बालदिवस के अन्तिम चरण में बालाधिकार पर  Presentation श्रुति नागवंशी द्वारा हुआ जिसमे कि Krishnamurti Foundation India RAJGHAT BESANT SCHOOL  मैनेजमेंट के लोग व सभी बच्चे सामिल हुए | Presentation के बाद बच्चों ने बाल अधिकार के परिप्रेक्ष्य में प्रश्न किये जैसे गरीब बच्चों की मदद कैसे किया जाता है , बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए क्या कराना चाहिए इस तरह के कई प्रश्न आये | RAJGHAT BESANT SCHOOL के प्रिंसिपल महोदय श्री रामकुमार जी ने बालपंचायत के बच्चों से प्रश्न किये कि आप कैसा समाज बनाना चाहते है इस सन्दर्भ में ज्योति ने अपने बात बताई कि एक ऐसा समाज जहा पर लोग लडके-लकियो में भेद-भाव  न करे | यास्मिन ने बोला कि एक ऐसा समाज जहा लड़कियों के साथ हो रहे बाल यौन हिंसा व छेड़-छाड़ की घटनाए न हो इसके लिए हम लोगो को अपने घर में ही अपने पिता,भाई को समझाना होगा कि वह इस तरह का काम दूसरो के साथ न करे | बिन्दू ने कहा कि भारत की संसकृति एकता का प्रतिक है लेकिन आज लोग लडके लड़कियों को अलग-अलग कर के देखते है | कल्पना ने बोला कि हम लोग ऐसा समाज बनायेंगे जहा पर किसी बच्चे का बाल विवाह नहीं होगा और जातिगत भेदभाव किसी के साथ नहीं होगा  | बाल पंचायत के बच्चों की इस तरह के बातो को RAJGHAT BESANT SCHOOL के लोगो ने तालियों की आवाज से सम्मान किया और सभी लोगो ने बच्चों की काफी सरहाना करने लगे | RAJGHAT BESANT SCHOOL के प्रिंसिपल महोदय श्री रामकुमार जी ने अपने विचारों को रखते हुए बोले कि यह स्कूल का आज सम्मान बढ़ा जो आप जैसे बच्चे आकर हमारे बच्चों का ज्ञान वर्धन किये हम लोगो को अभी बाल अधिकार के परिकल्पना को समझने के लिए थोड़ा समय लगेगा इसके लिए आप लोग पुन: आये | इसके बाद सभी बच्चों ने बाल पंचायत के बच्चों को ग्रीटिंग कार्ड दिए | ग्रीटिंग कार्ड लेने के बाद सभी बच्चे नाश्ता के लिए हाल में पहुँचे जहा पर एक-एक टेबल पर बच्चे बैठे और एक टीचर व मैनेजमेंट के लोग बैठे जो बच्चों से लगातार बात कर रहे उनके अन्दर आये बदलाव की प्रक्रिया जाने | नाश्ता के बाद सभी लोग एक दूसरे से हाथ मिलाकर अपने-अपने घर के लिए वापस हुए |
Visit - http://www.rajghatbesantschool.org
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Monday 27 October 2014

बाल महोत्सव में बाल अभिव्यक्ति – “हिफ़ाजत मेरा हक़”

                    बाल महोत्सव में बाल अभिव्यक्ति – “हिफ़ाजत मेरा हक़”
 बाल पंचायत के बच्चों ने लघु नाटकों द्वारा बाल हकों की पैरवी में बुलन्द की अपनी आवाज.........
वाराणसी के मूलगादी कबीरचौरा मठ में विभिन्न बाल पंचायतों के प्रतिनिधि बच्चों ने बाल महोत्सव “हिफ़ाजत मेरा हक़” में लघु नाटकों के माध्यम से बाल श्रम, गुमशुदा बच्चों एवं बाल विवाह के मुद्दों पर अपनी प्रस्तुति देते हुए अपने बाल अधिकारों की पुरजोर पैरवी की | अपने नाटकों से जरिये इन बच्चों ने समाज को यह सोचने पर विवश किया कि बाल संरक्षण के कई कानूनों और विभिन्न सुरक्षा प्रणालियों के बाद आज भी बड़ी संख्या में बच्चे शिक्षा और विकास से दूर खुशहाल बचपन का सिर्फ सपना संजोये शोषण और यातना का शिकार हैं | जिसमें बच्चों  के सुरक्षा और संरक्षण के मुद्दे पर सवाल खड़ा किया गया |
हिफाजत मेरा हकबाल महोत्सव का आयोजन मानवाधिकार जननिगरानी समिति (PVCHR) जनमित्र न्यास (JMN) द्वारा ग्लोबल फण्ड फॉर चिल्ड्रेन (GFC) एवं  सर दोराब जी टाटा ट्रस्ट (SDTT) के सहयोग से किया गया | जिसमें वाराणसी जिले के विभिन्न ब्लाकों से वंचित अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों के कुल 38 बच्चों द्वारा तीन लघु नाटकों में गुमशुदा बच्चों के मुद्दे पर खो गये हैं हम बालश्रम के मुद्दे पर  मेरा भी है बचपन बालविवाह के मुद्दे पर करनी थी पढाई हो गयी विदाई के माध्यम से अधिकारों की पुरजोर पैरवी और अपने विचारों की अभिव्यक्ति की गयी | इन नाटकों में बच्चो ने उन समस्याओं और चुनौतियों को सामने उकेरने का प्रयास किया जिन वे और उनके जैसे दूसरे लाखों बच्चे रोजमर्रा की जिन्दगी में सामना करते हैं |
इन लघु नाटकों की रचना बच्चों ने पिछले तीन दिन के थियेटर कार्यशाला में श्री वाल्टर पीटर (पूर्व सदस्य, TIE, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) के निर्देशन में किया | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यशभारती सम्मान से सम्मानित सुप्रसिद्ध सरोद वादक पण्डित विकास महाराज जी रहे एवं विशिष्ट अतिथि आचार्य संत विवेकदास जी एवं सुश्री तीस्ता सीतलवाड़ रहीं | इस मौके पर बच्चों ने प्रतीकात्मक रूप पटाखों को पानी में डालकर दीपावली पर पटाखा नही जलाने का संकल्प लिया और सभी से यह अपील किया कि वे भी दीपावली पर दीप जलाकर दीवाली मनाएं पटखा जलाकर नही | महोत्सव में कुल उन्नीस (19) बाल पंचायतों से सैकड़ो बच्चे और उनके माता पिता सहित शहर के प्रबुध्दजनो ने बड़े उत्साह से भाग लिया और बाल सुरक्षा की पैरवी की |
 कार्यक्रम के औचित्य पर प्रकाश डालते हुए श्रुति नागवंशी मैनेजिंग ट्रस्टी, ने कहा “बाल सुरक्षा की स्थिति उत्तर प्रदेश की भयावह स्थिति सामने लाता है | प्रदेश में गुमशुदा बच्चों, लिंग अनुपात, बाल श्रम, बाल विवाह, बाल यौन हिंसा की घटनाओ में दुसरे प्रदेशों से कंही अधिक है | हमें बाल संरक्षण के काम में लगे ढाचों व् व्यवस्थायों को मजबूत करते हुए , सभी हितधारकों के समन्वय और जवाबदेही को बढ़ावा देकर राज्य, जिला और समुदाय स्तर पर एक मजबूत निवारक और जवाबदेह बाल संरक्षण प्रणाली को बनाने, स्थापित करने मजबूत करने की जरूरत है |"
  मुख्य अतिथि पण्डित विकास महाराज जी ने कहाकि बच्चे ही देश का भविष्य हैं किन्तु वे जिन अमानवीय परिस्थितियों में जीने को बाध्य हैं इससे न केवल उन बच्चों का बचपन प्रभावित होता है बल्कि देश का भविष्य और विकास भी प्रभावित हो रहा है |             
विशिष्ट अतिथि सुश्री तीस्ता सीतलवाड़ ने कहाकि बाल अधिकारों के संरक्षण और सम्वर्धन के लिए सरकार के साथ ही समाज को बहुत समवेदनशीलता जबाबदारी के साथ काम करने की बेहद जरूरत है | इस अवसर पर मानवाधिकार जननिगरानी समिति के निदेशक डा. लेनिन रघुवंशी, इदरीश अंसारी सहित काशी विद्यापीठ समाजकार्य विभाग सुश्री भावना वर्मा, मुनिजा खान, जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुश्री. निरुपमा सिंह, जिला प्रोवेशन अधिकारी श्री प्रभात रंजन जी उपस्थित रहे |

  उत्तर प्रदेश में बाल सुरक्षा की स्थिति

·        2012 में दर्ज राज्य अपराध रिकार्ड ब्यूरो (SCRB) के अनुसार कुल लापता 3879 बच्चों में  केवल 2310 बच्चे ही घर वापस आ पाये शेष 1569 बच्चे अभी भी लापता हैं |
·        2011 की जनगणना के अनुसार राज्य के कई जिलों में बच्चों का लिंग अनुपातबहुत कम रिकार्ड किया गया है
·        एनएसएसओ 2009-10 के अनुसार उत्तर प्रदेश में 1775333 बाल श्रमिक है जो कि देश में सबसे अधिक संख्या है |
·        नेशनल अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) के 2011 के डेटा से पता चलता है कि बच्चों के प्रति अपराधों में 24% की वृद्धि हुई है |
·         शिशु मृत्यु दर प्रति 1000 जीवित जन्म में 70 मौते होती है जो रास्ट्रीय औसत 1000 जीवित में 52 मौतों की तुलना अधिक है |
·         50% लडकियों का विवाह 18 साल से कम उम्र में ही हो जाता है |
·        केवल उत्तर प्रदेश में लगभग 9 लाख बच्चे बालश्रम में लगे हैं |
कुछ विशेष और आवश्यक प्रयास जो सुरक्षा के लिए किये जाने चाहिए :

§  बच्चो को उत्पीड़न, हिंसा और शोषण से बचाने के लिए बच्चों के लिए एक सुरक्षात्मक वातावरण बनाया जाय |
§  सभी स्तरों पर बाल संरक्षण संरचनाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए विभिन्न स्तरों आईसीपीएस के तहतगांव, ब्लॉक एवं जिला बाल संरक्षण इकाइयों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम बनाए जाय और पदाधिकारियों के लिए अलग|
§  राज्य में लापता बच्चों के लिए संचालन प्रक्रिया के निर्माण का मानक सुनिश्चित किया जाय |
§  राज्य के सभी जिलों में एंटी मानव तस्करी सेल को सक्रिय किया जाय |
§  पूरे राज्य में पुलिस स्टेशन के लिए यह अनिवार्य किया जाय कि माननीय उच्च न्यायालय के दिशानिर्देश के अनुसार किसी भी बच्चे के लापता होने का अनिवार्य रजिस्टर बनाया जाय और और किशोरों की शिकायत को देखने के लिए एक विशेष पुलिस अधिकारी की नियुक्ति की जाय,प्रत्येक लापता बच्चे की रिपोर्ट को प्राथमिकी (FIR) में परिवर्तित किया जाना चाहिए |
§  ICPS के मूल्यांकन पर जिला स्तर पर कमजोर परिवारों की पहचान की जाय और गैर संस्थागत देखभाल और पालक-देखभाल को प्रायोजित किया जाय |
§  उत्पीड़न, हिंसा और शोषण से बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी कानूनो का क्रियान्वयन हो; उदाहरण के लिए, बाल विवाह निषेश अधिनियम, 2006 का प्रभावी कार्यान्वयन; बाल श्रम निषेध एवं विनियमन अधिनियम, 1986; POCSO अधिनियम, 2012 आदि |