Thursday 16 January 2014

गाँव –गाँव तक पहुंचा बेटी ही बचायेगी

 



गाँव –गाँव तक पहुंचा बेटी ही बचायेगी  




गाँव –गाँव तक पहुंचा बेटी ही बचायेगी अभियान - बेटी के हक़ में लिया शपथ
15 जनवरी 2014 को अमर उजाला की अनूठी पहल बेटी ही बचायेगी अभियान के तहत मकर संक्रान्ती के अवसर पर  मानवाधिकार जननिगारानी समिति , जनमित्र न्यास एवं सावित्री बाई  फुले महिला पंचायत से जुड़े मानवाधिकार पक्षकारो सहित सैकड़ो लोगो ने बेटी के हक़ में लिया शपथ | यह टीम चिरईगाँव ब्लाक के सरायमोहाना में पंहुँच कर बेटी के संदर्भ में जागरुक करते हुए शपथ ग्रहण कराये इस क्रम में दी लाईट क्लासेस कोटवा, सरायमोहाना के शिक्षक,शिक्षिका व बच्चों ने भी इस कार्यक्रम में अनूठी पहल दिखाई, जिसमे मुख्य रूप से कीर्ति, आकांक्षा मौर्या, प्रज्ञा मौर्या, आशीष प्रकाश, बिपिन चौधरी, अवनीश सिंह राठौर, अवनीश शुक्ला ब्रिजेश रहे |  
विदित हो की यह समिति पिछले 4 वर्षो से दलित, वंचित व अल्पसंख्यक समुदाय की 45 लड़कियों को पूर्व माध्यमिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा जारी रखने के लिए आर्थिक मदत कर रहा है | साथ ही बाल विवाह के खिलाफ बड़ा अभियान खडा किया है |

Tuesday 7 January 2014

खोया हुआ अमालुद्दीन वापस गया घर



खोया हुआ अमालुद्दीन वापस गया घर
अमालूद्दीन उम्र 11 वर्ष माता का नाम-आसमा खातून, पिता का नाम- मो० मोबिन,निवासी- आत्माराम कटरा, चिमली मिल, मैट्रो रोड, थाना- सदर, पुरानी दिल्ली | अमालुद्दीन से बड़ा दो भाई एक बहन तथा दो भाई छोटे हैं, अमालुद्दीन कक्षा 2 में पढ़ता था घर की आर्थिक स्तिथि खराब होने के कारण पढकर आने के बाद अपने अब्बू के साथ घर पर ही चल रहे मोल्डिंग ( प्लास्टिक का छोटा-छोटा ढक्कन बनाना ) मशीन भी चलाया करता था जिससे विद्यालय का मिला घरेलू काम भी पूरा नही हो पता था, धीरे-धीरे अमालुद्दीन पढ़ने में कमजोर हो गया दुसरी तरफ उसे खेलने का मौका भी नही मिलता था इसके बाद धीरे-धीरे वह पढ़ने जाना ही कम कर दिया और काम से मौका मिलने पर वह बड़े बच्चों के साथ दोस्ती कर रहने लगा उन लोगो के साथ रहते-रहते वह पैसा खेलने का बुरी लत पकड़ लिया | जिसको लेकर इसके अब्बू आये दिन मरते-पिटते रहते थे कि पैसा खेलना छोड़ दे लेकिन अमालुद्दीन पैसा खेलना नही छोड़ा | इसी तरह 10 दिसम्बर 2013 को सुबह पैसा खेल रहा था की उसके अब्बू देखने के बाद पिटाई करने लगे मौका पाते ही अमालुद्दीन वहा से भाग निकला घर पहुचते अम्मी का रखा 1000/- रुपया ( जो पहले से देख रखा था ) लेकर साथ में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की तरफ भागा तथा रास्ते में जाते-जाते अपने मामा शहीद पुत्र दाऊद निवासी- बिगरा टोला, बन्नी डीह, जिला- मधुबनी, बिहार के घर जाने का योजना बनाया मामा के घर जाने वाली स्वतंत्रता शेनानी ट्रेन का नाम याद रखा था मगर अन्जाने में दिल्ली से आरही शिवगंगा इक्सप्रेस वाराणसी में ही  अमालुद्दीन चढ़ गया ट्रेन चलने के लगभग 2 घंटा बाद GRP ने उसे पकड़ लिया | जिसपर PVCHR कार्यकर्ता द्वारा JJ Act. को लेकर बहस हुआ तब GRP ने कार्यकर्ता के पास ही अमालुद्दीन को छोड़ चला गया |इसके बाद ट्रेन में ही अमालुद्दीन से दोस्ती कर विस्तृत  बात कर 11 दिसम्बर 2013 को सुबह 11:40 पर वाराणसी RPF उप निरीक्षक से बात कर चाइल्डलाईन डेयर संस्था के डायरेक्टर मंजू जी से बात कर उनके कार्यकर्ती रिमझिम देवी को अमालुद्दीन के पास मिले 902/-रुपयें के साथ लिखित रूप में सुपुर्द किया इसके बाद मोबाईल से सम्पर्क कर जानकारियां लेता रहा दुसरे दिन अमालुद्दीन JJB में पेश हुआ इसके बाद वहा से मात्री छाया संस्था में रखा गया मात्री छाया द्वारा दिल्ली के सदर थाना में फ़ोन कर अमालुद्दीन के अब्बू से बात कर उनके अब्बू दिल्ली पुलिस के साथ मात्री छाया संस्था में आये अमालुद्दीन को 14 दिसम्बर 2013 को वापस घर लेकर गये|
riport by Mangala Prasad
mo- 09919193917
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