Wednesday 13 August 2014

बाल सहभागिता की अवधारणा




        


































  बाल अधिकार से वंचित बच्चों के बीच बाल सहभागिता की अवधारणा को लेकर हम सभी लम्बे समय से कार्यरत हैं । हमारे द्वारा बाल सहभागिता के मदे्नजर बच्चों के बीच विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम संचालित किये जाते रहे हैं, जिससे बच्चों को अपने अधिकारों की जानकारी, उनका व्यक्तित्व विकास, बच्चों को अपनी सोच अपेक्षाओं को अभिव्यक्त करने के अवसरों में सहयोग मिलता रहा है । निश्चित रुप से इन कार्यक्रमों का सकारात्मक प्रभाव भी बच्चों पर पड़ा है। जिसके कई सफल उदाहरण हैं | जब बच्चों ने अपने अधिकार हनन को समझते हुए स्वंय आगे बढकर अपने अधिकारों के संरक्षण की पैरवी की है । ऐसे में हम वयस्कों कि जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि हम अपने बाल समूह के बच्चों को अपने विचारों कि अभिव्यक्ति का मंच और अवसर दें, जिससे उनकी सोच, अपेक्षाओं, समस्याओं, चुनौतियों से परिचित हो सकें और बच्चों के अनुकूल निति नियमों में बदलाव किये जाने पर विचार किये जाने कि पहल हो सके |

बच्चों में आत्मविश्वास का निर्माण, विश्लेष्णात्मक एवं तार्किक दृष्टिकोण, सृजनात्मकता, जिज्ञासा, मुद्दों पर सजगता, आपसी सहयोग, सामूहिकता का विचार और नेतृत्व के लिए हम सभी लगातार प्रयत्नशील हैं |

Tuesday 5 August 2014

अन्ध विशवास के कारण टीकाकरण का वहिष्कार - पहल से परिणाम तक


1-     अन्ध विशवास के कारण टीकाकरण का वहिष्कार - पहल से परिणाम तक

वाराणसी जिले के ब्लाक हरहुआ के अन्तर्गत ग्रामसभा भठौली है, जिसमे लक्षित गाँव भैठौली मुस्लिम बस्ती है | इस गाँव में कुल परिवार संख्या 18 है जो मुस्लिम जाति के लोग हैं। जिसकी आवादी महिला, पुरूष व बच्चों की टोटल संख्या F 32 M 45 T 77  है। सभी 18 परिवार नाई व मजदूरी का काम करते हैं जिनकी आमदनी मासिक आय 1500 रूपये से लेकर 2 हजार रूपये तक है। इस गाँव में 0 से 18 वर्ष के कुल बच्चे 40 है। जिसमें F12 M 28 T 40 है।
बच्चों का उम्र
F
M
T
0-1
0
2
2
1-3
1
1
2
3-5
1
4
5
5-6
0
1
1
6-14
8
12
20
15-18
2
8
10
0 से 1 वर्ष तक कुल 2 बच्चे दिनांक 25/06/2014 तक है। टीकाकरण से जुड़े हैं।
एक माह पहले इस गाँव में कोई भी टीकाकरण नहीं करवा रहा और नहीं कोई टीकाकरण के बारे में कोई जानकारी ही लेना चा रहा था | बगल के बस्ती में जब टीकाकरण हो रहा था उस समय आशा एनम व आंगनवाडी कार्यकत्री ने गर्ववती महिला व बच्चों को टीका लगवाने के लिए बुलाने गयी | उस गाँव के लोगो ने टीकाकरण का वहिष्कार करते हुये कहा कि हम लोग अब टीकाकरण नहीं करवायेंगे | इस बात की जानकारी आशा एनम व आंगनवाडी कार्यकत्री ने JMN कार्यकर्ताओं को बताया और सहयोग माँगा कि समुदाय को टीकाकरण पर समझाने के लिए | JMN कार्यकर्ता गाँव में गए और जानकारी किये कि लोंग टीकाकरण का वहिष्कार क्यों कर रहे है जानकारी के माध्यम से पता चला कि बडागांव ब्लाक के लखमीपुर छिरिया गाँव में टीकाकरण से एक बच्चे कि मौत हो गयी जिसके कारण लोग डर के कारण टीकाकरण नहीं करवा रहे है | इस घटना की सत्यता जानने के लिए तुरन्त बडागाव ब्लाक के कार्यकर्ता मंगलाजी से जानकारी लिए | मंगला जी द्वारा बताया गया कि इस बच्चे कि मौत टीकाकरण से नहीं हुयी | इस बच्चे के माँ ने गलत तरीके से दूध पिलाया दूध पिलाने के बाद जो प्रकिया माँ को करनी चाहिए वह उसने नहीं किया बच्चे को उल्टी हुआ जो कि दूध का हिस्सा बच्चे के श्वास नाली में उल्टा चला गया जिसके कारण बच्चे कि मौत हो गयी | इस जानकारी को भैठौली गाँव में बताया गया साथ में टीकाकरण से बच्चे को क्या फायदे है व टीकाकरण न करवाने से क्या खतरे है आदि जानकारियाँ दी गयी | काफी बहस के बाद समुद्दय का एक निर्यय पर पहुँचे और गाँव के सभी लोगो ने अपनी सोच को बदलते हुए पुन: टीकाकरण लगवाने के लिए तैयार हुए | इसके बाद आशा एनम को बुलवाकर बच्चों को टीकाकरण करवाया गया | अब समुदाय के तरफ से कोई विरोध नहीं है |
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2-     भेद-भाव के कारण टीकाकरण से वंचित समुदाय
वाराणसी जिले के ब्लाक हरहुआ के अन्तर्गत ग्रामसभा आयर में ब्राह्मण, क्षत्रि, प्रजापति, मौर्या, राजभर, पटेल, लाल, यादव, मुस्लिम, चमार व मुसहर जाति के लोग निवास करते हैं। उक्त ग्राम सभा की दूरी जिला मुख्यालय से 12 किमी तथा ब्लाक मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूरी पर है। आयर गाँव की कुल आबादी लगभग 6 हजार के आस-पास है। जिसमें आयर मुसहर बस्ती का 41 परिवार ग्राम सभा शिवरामपुर के सीमा से लगा हुआ है। उक्त बस्ती में आँगनबाड़ी केन्द्र  जन मित्र न्यास द्वारा निर्मित भवन में चलता है |
आयर मुसहर गाव की कुल जनसंख्या 170 है। F79 M91 M 170  है। उक्त गाव की महिला पुरूष में 7 परिवार ईंट भट्ठा पर ईटा पाथते हैं तथा कुछ परिवार रिक्शा चलाते हैं। कुछ परिवार तीसरी खेती का काम करते हैं। कुछ एकल महिला दोना पत्तल बनाकर अपना आजिविका चलाती है। चावल के समय पंजाब जाकर चावल बटोरने का काम करती है। तथा कुछ लोग भीख मागकर अपना आजिविका चलाते हैं। एक महिने में प्रत्येक परिवार की कुल आमदनी 15 सौ से लेकर 25 सौ है।
इस गाँव में 0 से 18 वर्ष के कुल बच्चे 82  है। जिसमें F 31  M51  है।
बच्चों का उम्र
F
M
T
0-1
1
5
6
1-3
2
5
7
3-5
6
5
11
6-14
21
27
48
15-18
1
9
10

एनम के माइक्रोप्लान के अनुसार टीकाकरण आयर मुसहर बस्ती में ही होना था  में होना था लेकिन एनम इस मुसाहर बस्ती में टीकाकरण गम्भीरता से नहीं करती थी वही दूसरे टोले में यही एनम पूरा समय देकर नियमित टीकाकरण करती थी | इस बस्ती में एनम, आशा व आंगनवाडी कार्यकती द्वारा टीकाकरण पर कोई प्रक्रिया नहीं चलाई गयी | इस मामले को phc अधीक्षक, CMO को लिखित शिकायत हुआ | शिकायत के बाद कोई कार्यवाही नहीं हुयी तो इसी मामले को NHRC,NCPCR को भेजा गया जिसकी जाँच हुयी | जाँच के बाद एनम मुसहर बस्ती में नियमित टीकाकरण करती है जिसकी मानिटरिंग phc से LHB आती है | इसी मुसहर गाँव में टीकाकरण कराने के लिए दुसरे जाती व गाँव के लोग  आते है |
टीकाकरण के लिए ए.एन.एम. आशा सुपरवाइजर खुद आकर बस्ती में बच्चों, गर्भवती, महिलाओं का अपने देखरेख में टीकाकरण करती है।




0 से 1 वर्ष के सभी 6 बच्चे टीकाकरण से जुड़़े हैं और 2 गर्भवती महिलायें भी हैं जो टीकाकरण से जूड़ी हैं।