Saturday 23 May 2015

कुपोषण के मामले पर पैरवी और वाराणसी जनपद में खुला पोषण पुनर्वास केन्द्र |

 कुपोषण के मामले पर पैरवी और वाराणसी जनपद में खुला पोषण पुनर्वास केन्द्र  |

वाराणसी ! बच्चों के अधिकार सरंक्षण के मामले पर वाराणसी जिले में मानवाधिकार जननिगरानी समिति / जनमित्र न्यास द्वारा  समुदाय, स्वशासन के साथ लगातार हस्तक्षेप हो रहा है, जिसके क्रम में पिंडरा, बडागांव, हरहुआ, अराजीलाईन व चिरईगांव विकासखंड व बजरडीहा के चयनित गाँव में बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण पर ट्रेकिंग होता रहा | बच्चों के पोषण के स्थिति और केश स्टडी को लगातार मीडिया, ब्लाक व जिले स्तर के अधिकारी  को अवगत कराते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व राष्ट्रीय बाल सरंक्षण आयोग नई दिल्ली  को भेजा गया | मीडिया द्वारा कुपोषण के आकड़ो को लगातार प्रकाशित किया गया और आयोग द्वारा भी कुपोषण के मामले को गम्भीरता से लेते हुए हस्तक्षेप किये |
कुपोषण के मामले पर लगातार पैरवी के बाद वाराणसी जनपद में 8 मई 2015 को पण्डित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय राजकीय हास्पिटल में  पोषण पुनर्वास केन्द्र खुला | पोषण पुनर्वास केन्द्र में बाल अधिकार पर केन्द्रित कार्यक्षेत्र का लक्षित क्षेत्र पिंडरा गाँव के  मीराशाह गाँव के रिजवान व रानी  ( उम्र 5 माह ) का इलाज शुरू करा कर केन्द्र का शुभारम्भ हुआ | मीराशाह गाँव के नगीना के जुड़वा बच्चे रिजवान व रानी  ( उम्र 5 माह ) जो कुपोषण के 3- 4 ग्रेड में थे और इनकी हालत बिल्कुल गम्भीर रही | प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पिंडरा में इलाज चला और गम्भीर स्थिति होने पर इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में रेफर हुआ जहा पर इन बच्चों को सघन इलाज व पोषण मिला |
पिंडरा, बडागांव, हरहुआ, अराजीलाईन व चिरईगांव विकासखंड और बजरडीहा के चयनित गाँव में बच्चों के पोषण पर ट्रेकिंग की स्थिति  इस प्रकार से है | अक्टूबर 2014 से मार्च 2015  ( 6 माह ) की स्थिति :- 0-5 वर्ष के कुल बच्चे – 372 F + 413 M = 785 , स्वास्थ्य परिक्षण हुआ 302  F + 316  M = 618 , गंभीर कुपोषण 49  F + 42  M = 91, आंशिक कुपोषण-  91  F + 99  M =  190,  सामान्य-  126  F + 201  M = 327 |  इसी तरह वाराणसी में 2013-2014 के बीच समाचार पत्रो को देखा जाय तो भूख व कुपोषण से मरने वाले बच्चों कि सूची निम्न है जिसपर PVCHR ने मामले को उठाया |
भूख व कुपोषण से मरने वाले बच्चों की सूची (2013-2014 )

क्रम संख्या
बच्चे का नाम
लिंग
उम्र
माता का नाम
पिता का नाम
पता
1
नरगिस
F
5
रजिया
रफीक अंसारी
लोहता नारे पर
2
इमरान
M
11 माह
रुखसाना
शमशुल होदा
लोहता क्षेत्र के रहीमपुर (रसूलपुर)
3
रानी
F
2वर्ष 6 माह
कमला मुसहर
सुरेन्द्र मुसहर
रमईपुर मुसहर बस्ती पिंडरा
4
सीमा
F
20 वर्ष
अलीयारी( नानी)

ओरांव, पिंडरा
5
सबीना
F
14 वर्ष
नाजिरा खातून
अब्दुल
बजरडीहा जख्खा
6
मुर्तजा
F
3 वर्ष 6 माह
नाजिरा खातून
अब्दुल
बजरडीहा जख्खा
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Friday 22 May 2015

सरकारी सेवाये से वंचित किये जाने पर रोहित भूख व कुपोषण से संघर्ष करते हुए शहीद

सरकारी सेवाये से वंचित किये जाने पर रोहित भूख व कुपोषण से संघर्ष करते हुए शहीद

       मीना देवी का पुत्र रोहित 5 माह ( वजन -1.400 kg ) का बेटा भूख व कुपोषण से दिनांक- 20 मई 2015 को समय 4 बजे शाम को दम तोड़ा रोहित के परिजनों का कहना है कि NRC ( पोषण पुनर्वासन केन्द्र ) वाराणसी के डाक्टर हमारे बच्चे को 14 मई 2015 इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर लिए होते तो हमारा बेटा बच सकता था | NRC के डाक्टर ने हमें यह बोल कर वापस कर दिए कि यंहा पर बच्चों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है | रोहित को भर्ती  न करने के मामले पर उच्च अधिकारी से बात करने पर पुन: NRC के डाक्टर ने रोहित को दिनांक- 16 मई को भर्ती किये | लेकिन  NRC के डाक्टर व कर्मचारी ठीक से हमारे बच्चे का देख-रेख नहीं कर रहे थे और नाही हमारे साथ ठीक से व्यवहार कर रहे थे | इस लिए हम अपने बच्चे को लेकर वापस अपने घर आकर PHC पिंडरा व प्राइवेट हास्पिटल से इलाज कराये जिसमे हमको 5000 हजार रुपये का कर्ज भी लेना पडा और 2 दिन के अन्दर ही हमारे बेटे रोहित 20 मई 2015 को मृत्यु हो गया |
      रोहित का जन्म 27 दिसम्बर 2014 को अप्रशिक्षित दाई द्वारा हुआ था जन्म के समय इस बच्चे का वजन मात्र 2 kg रहा रोहित का टीकाकरण भी नहीं हुआ था गाँव की आशा, आंगनवाडी कार्यकत्री , एनम रोहित के माँ मीना देवी से कभी सम्पर्क में नहीं रही | इस तरह रोहित को जन्म से ही ICDS व स्वास्थ्य सेवाएँ से वंचित किया गया |
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