Saturday 14 February 2015

एक पहल किचन गार्डेन “कुपोषण मुक्ति कि ओर”

एक पहल किचन गार्डेन “कुपोषण मुक्ति कि ओर”
बाल अधिकार परियोजना के अन्तर्गत  वाराणसी के 5 ब्लाक हरहुआ, पिंडरा, बडागांव ,अराजीलाईन व चिरईगांव में कुपोषण के अत्यधिक मामले निकल कर आये, जिसको जनमित्र न्यास व मानवाधिकार जननिगरानी समिति (PVCHR /JMN) कार्यकर्याओ के हस्तक्षेप से कुपोषित बच्चों को शासन द्वारा एक-एक हजार रुपये की आर्थिक मदद मिली सन 2005 अब तक इन ब्लाको में कुल 76 बच्चों को यह मदद मिला जिसमे कि सबसे ज्यादा संख्या हरहुआ के आयर व भैठौली गाँव के 63 कुपोषित बच्चों का था | कुपोषण निवारण के लिए परिवार, समुदाय और स्थानीय विभाग की भागीदारी हेतु पहल करने के लिए क्राई ( CRY ) की तरफ से किचन गार्डेन का सुझाव आया जिसको JMN टीम द्वारा बाल अधिकार परियोजना क्षेत्र में विस्तारित हुआ | परियोजना के अन्तर्गत वाराणसी जिले के ब्लाक हरहुआ के अन्तर्गत ग्रामसभा आयर है | जो जिलामुख्यालय से लगभग 4 कि0 मी0 की दूरी पर स्थित है | इस गावसभा की जनसंख्या लगभग 6000 है, जहाँ पर एक उपस्वास्थ्य केंद्र और 6 आंगनवाडी केंद्र शासन द्वारा संचालित होता है | इस गाँवसभा में मुसहर, चमार, धरकार, धोबी, मुसलमान, पिछड़ी व सवर्ण जाती के लोग रहते है | आयर ग्रामसभा में कुपोषण को कम करने व भूख के मुद्दे से जोड़ने के परिप्रेक्ष्य से किचन गार्डेन कि पहल पर सफलता को देखते हुए JMN की टीम ने किचन गार्डेन के कांसेप्ट को BDO, CDPO, हरहुआ व ग्राम प्रधान आयर जगमोहन जी  के साथ साझा किये और इस पहल से जुड़ने के दोनों विभाग को लगातार प्रेरित किये | जनवरी 2015 में BDO, CDPO हरहुआ के दिशा निर्देश से ग्राम प्रधान आयर जगमोहन जी, ICDS विभाग कि सुपरवाईजर द्वारा ग्रामसभा की सार्वजनिक भूमि पर लगभग 2600 वर्गफीट में किचन गार्डेन लगा जिसमे पालक, मुली, चुकंदर, गाजर, का बीज डाला गया | आयर ग्राम सभा के 2 आंगनवाडी केन्द्रों पर  दिवाल लेखन ICDS विभाग कि ओर से किया गया जिसमे यह लिखा गया कि किचन गार्डेन सौजन्य से – मुख्य सेविका व ग्राम प्राधान | इन 2 आंगनवाडी केन्द्रों पर पर विभाग के द्वारा किचन गार्डेन संचालित किया जा रहा है | JMN टीम ने ग्राम प्रधान आयर जगमोहन जी, ICDS विभाग कि सुपरवाईजर के साथ लगातार संवाद कर रहे है कि सब्जी तैयार होने पर कुपोषित बच्चों के परिवार, गर्भवती महिला व धात्री महिला को सप्ताह में एक बार वितरण किया जाना चाहिए | विदित हो कि राज्य पोषण मिशन के तहत आयर ग्रामसभा को दिसम्बर 2014 को जिलाधिकारी वाराणसी द्वारा गोद लेकर कुपोषण को कम करने की पहल करना शुरू किये |
      कुपोषण निवारण के लिए JMN की टीम ने किचन गार्डेन पर पहल 2012 से शुरू किया जिसका उद्द्देश्य यह रहा कि कुपोषित बच्चा, गर्भवती महिला और धात्री माताओं को नियमित हरी हरी साग-सब्जी आसानी से उपलब्ध हो सके | समुदाय के साथ फूड डायरी पर चर्चा व संवाद से यह तथ्य निकला कि इस समुदाय को नियमित हरी साग सब्जी नहीं मिल पाती है ये समुदाय सब्जी मंडी बंद होने के बाद फेका हुआ सडा-गला सब्जी, बटोर कर ( एकत्रित ) घर लेकर आये है और उसे साफ़ कर उसका प्रयोग करते है | किचन गार्डेन के कांसेप्ट को समुदाय के साथ बैठक व वर्कशाप हुआ | किचन गार्डेन के लिए किये जा रहे पहल कि सफलता कि संभावना की उम्मीद JMN टीम को बन चुकी थी | कई बार समुदाय कि तरफ से किचन गार्डेन कि सफलता/असफलता निराशा के परिणाम भी आये | JMN टीम ने वंचित परिवारों के साथ मिलकर जमीनों कि सफाई किया और घर के आस-पास कि छोटी सी जगह में उगने वाले सब्जी का बीज को बरसात के मौसम में बोये और इसकी सुरक्षा व पानी की व्यवस्था के लिए सामुदायिक बैठक में जानकारी दिए | 3-4 माह बाद जब बोये गए बिज में से साग सब्जी निकालने लगे तो इसी समुदाय के अन्दर उत्साह और किचन गार्डेन के प्रति एक नई ऊर्जा विकसित हुयी | पहली बार लोगो ने अपने घर पर साग-सब्जी देखा और तोड़ा इसके बाद खाया – खिलाया | पहले चरण में उपर्युक्त गाँव में कुल 53 परिवारों ने किचन गार्डेन लगाया था | किचन गार्डेन का दूसरा चरण में समुदाय के किचन गार्डेन के प्रति इस तरह के उत्साह को देखा क्षेत्र के ग्राम प्रधान, ब्लाक प्रमुख व अन्य सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोगो ने वंचित परिवारों के मदद के लिए आगे आये ये लोग छोटे-छोटे पैसे एकत्रित कर बिज खरीदने कि व्यवस्था किये | वंचित परिवारों को बीज खरीद कर वितरण हुआ | समुदाय ने स्वयं पहल कर अपने घर के आस-पास के कि जगहों कि सफाई करते हुए थाला क्यारी बनाकर उसमे दिए गए बीज हो बोये | जिसकी सुरक्षा परिवार के लोग व पड़ोस के लोगों किया | 

आनन्द प्रकाश निषाद 
(एडवोकेशी क्वाडीनेटर )
मानवाधिकार जननिगरानी समिति 
वाराणसी |
फोन नम्बर - +91- 9956380627