वार्ड ब्वाय बना
वाराणसी के मण्डलीय अस्पताल का सर्जन जिसके कारण गवाना पड़ा यश को अपना एक पैर
घटना का विवरण :
शंकर चौधरी और उसकी पत्नी सुनीता देवी, निवासिनी – मकान न० जे० 35/67, A – 18, A शैलपुत्री, नक्खीघाट जिला –वाराणसी की रहने वाली हैं | उनके पुत्र यश उर्फ़ आकाश चौधरी को 23 अगस्त, 2015 को ट्राली से गंभीर चोट लग गयी| जिसके बाद यश को श्री शिवप्रसाद गुप्त कबीरचौरा मण्डलीय अस्पताल में इलाज हेतु पहुचे | जहाँ पर ओ०पी०डी०
इमरजेंसी में मौजूद वार्ड ब्वाय दीना यादव ने घटना की गंभीरता को
देखे बगैर तुरंत बच्चे को टांका लगाया और बोला कि चार दिन में आपका बच्चा दौड़ने
लगेगा | बच्चा बिलकुल ठीक है, कोई घबराने की बात नहीं है और कहा कि बच्चे को 2घंटे बाद हमारे क्लिनिक पर ले
आईये, हम उसका वहां पर बढ़िया ईलाज करेंगे | वहां पहुँचने पर बच्चे
के पिता और मामा के मना करने के बावजूद उन्होंने बच्चे को प्लास्टर बाँध दिया और
बोले की आप डाक्टर मत बनिए | इस मामले में उक्तदीना यादव द्वारा पीड़िता व उसके
परिवार वालों को अपने आप को चिकित्सक बताकर सारा ग़लत कार्य किया गया |जिसके कारण चार दिन बाद बच्चे का पुरा पैर काला पड गया और बी०एच०यू
ले जाने पर वहां के डाक्टरों ने केस लेने से मना कर दिया | जिसके बाद पीड़िता व
उसके पति शिवपुर के प्राईवेट अस्पताल श्यामा हॉस्पिटल ले गए और अत्यधिक गंभीर हालत होने पर बच्चे का पैर
काटना पड़ गया | इस मामले में पीड़ित
बच्चे के माता-पिता द्वारा 1 सितम्बर, 2015 को अस्पताल प्रशासन और
वरिष्ठ मुख्य चिकित्सा अधिकारी के यहाँ लिखित शिकायत किया था | लेकिन वहां पर आरोपी कर्मचारी के खिलाफ़ कोई
कार्यवाही नहीं किया गया | उनके द्वारा 4, सितम्बर, 2015
को पुलिस में शिकायत की गयी परतु कोइ कार्यवाही नहीं हुयी | इस
पूरे घटना को हिन्दुस्तान दैनिक अख़बार ने फालोअप के रूप में कई महीने तक प्रकाशित
किया | परन्तु इस मामले में कोइ भी कार्यवाही नहीं हुई |
बल्कि अस्पताल प्रशासन उलटे पीडिता को मानसिक रूप से प्रताड़ित कर
रहा है |
शिकायत की गयी :
इसके बाद हिन्दुस्तान अख़बार के एक रिपोर्टर ने पीडिता को मानवाधिकार
जननिगरानी समिति के कार्यालय में भेजा जिसके बाद पीडिता की पूरी बात सुनकर
· राष्ट्रीय
मानवाधिकार आयोग,
·
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग,
·
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वाराणसी,
·
माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश,
·
मुख्य चिकित्साधिकारी वाराणसी,
·
माननीय स्वास्थ्य मंत्री उत्तर प्रदेश,
·
माननीय प्रधानमंत्री भारत
को लिखित रूप
में की गयी |
कार्यवाही हुई
:
· माननीय
मुख्यमंत्री कार्यालय से जिलाधिकारी वाराणसी को इसपर कार्यवाही का निर्देश दिया
गया |
·
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने वाराणसी
के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और मुख्य चिकित्साधिकारी को नोटिस जारी करते हुए 30 दिन
रिपोर्ट माँगी है |
· राष्ट्रीय
बाल संरक्षण आयोग ने भी जिलाधिकारी वाराणसी को नोटिस देते हुए 30 दिन इस केस में FIR सहित मुआवजे की रिपोर्ट माँगी है |