Wednesday 13 August 2014

बाल सहभागिता की अवधारणा




        


































  बाल अधिकार से वंचित बच्चों के बीच बाल सहभागिता की अवधारणा को लेकर हम सभी लम्बे समय से कार्यरत हैं । हमारे द्वारा बाल सहभागिता के मदे्नजर बच्चों के बीच विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम संचालित किये जाते रहे हैं, जिससे बच्चों को अपने अधिकारों की जानकारी, उनका व्यक्तित्व विकास, बच्चों को अपनी सोच अपेक्षाओं को अभिव्यक्त करने के अवसरों में सहयोग मिलता रहा है । निश्चित रुप से इन कार्यक्रमों का सकारात्मक प्रभाव भी बच्चों पर पड़ा है। जिसके कई सफल उदाहरण हैं | जब बच्चों ने अपने अधिकार हनन को समझते हुए स्वंय आगे बढकर अपने अधिकारों के संरक्षण की पैरवी की है । ऐसे में हम वयस्कों कि जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है कि हम अपने बाल समूह के बच्चों को अपने विचारों कि अभिव्यक्ति का मंच और अवसर दें, जिससे उनकी सोच, अपेक्षाओं, समस्याओं, चुनौतियों से परिचित हो सकें और बच्चों के अनुकूल निति नियमों में बदलाव किये जाने पर विचार किये जाने कि पहल हो सके |

बच्चों में आत्मविश्वास का निर्माण, विश्लेष्णात्मक एवं तार्किक दृष्टिकोण, सृजनात्मकता, जिज्ञासा, मुद्दों पर सजगता, आपसी सहयोग, सामूहिकता का विचार और नेतृत्व के लिए हम सभी लगातार प्रयत्नशील हैं |

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