मानवाधिकारी जन निगरानी समिति की प्रमुख श्रुति नागवंशी ने बताया कि गांव की लड़कियं स्कूलों से दूर हो गई थी। दबंग लड़कों का आतंक था। याश्मीन और नंदिनी को उनके अधिकारों के बारे में गाइड किया गया और नए रास्ते का सृजन हुआ। आज ये लोग यौन हिंसा और बाल विवाह के खिलाफ अभियान छेड़ रही हैं, जो समाज के लिए एक मिसाल है।
सावित्री बाई फुले बाल पंचायत के सदस्यगण
काशी की दो बेटियों ने छेड़खानी और रेप के खिलाफ चलाया अनोखा अभियान
खबर पढ़ने के लिए क्लिक करे |-
No comments:
Post a Comment