विशेष किशोर पुलिस ईकाई के साथ मिलकर NGO,s अपने कार्यक्षेत्र के थानों को मॉडल बनाने का काम कर रही है । इसी क्रम में JNM/PVCHR थाना बड़ागांव के अधीन कमला बालिका इंटर कालेज बसनी में 470 लड़कियों के साथ एवं बलदेव बालिका विद्यालय बसनी में 545 लड़कियों के साथ आत्मरक्षा, यौन हिंसा, सुरक्षा कानूनों एवं विभिन्न हेल्पलाइन नम्बरों एवं उनकी कार्य प्रणाली पर प्रशिक्षण दिया गया इस अवसर पर बाल मित्र पुलिस अधिकारी , सब इंस्पेक्टर, प्रधानाचार्या, शिक्षिकाएं भी मौजूद थे, प्रशिक्षण PVCHR कार्यक्रम निदेशिका शिरीन शबाना एवं बाल अधिकार कार्यकर्ता मंगला प्रसाद राजभर द्वारा दिया गया ।
Monday, 22 October 2018
Thursday, 18 October 2018
किशोरियों को माहवारी, पोषण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता
किशोरी स्वास्थ्य एव पोषण मेले में किशोरियों को माहवारी, पोषण,
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के सन्दर्भ में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जानकारी
दिया गया.......
किशोरी स्वास्थ्य एवं पोषण मेला का
आयोजन 1 अक्तूबर,2018 को हमजोली किशोरी समूह, मानवाधिकार
जननिगरानी समिति/जनमित्र न्यास, सावित्री बाई फुले महिला पंचायत के द्वारा न्यूजीलैंड हाई कमीशन के सहयोग से वाराणसी जिले के हरहुआ ब्लाक के आयर ग्राम स्थित
नेहरु युवा केंद्र में किया गया | मेले का उद्घाटन हरहुआ ब्लाक के ब्लाक प्रमुख डाक्टर अशोक
कुमार पटेल के द्वारा फीता काटकर किया गया | इस अवसर पर “
किशोरी स्वास्थ्य एवं पोषण पुस्तिका ” नामक हैंडबुक विमोचन भी किया गया, जिसमें किशोरियों को
किशोरावस्था में स्वास्थ्य एवं पोषण के सन्दर्भ में एनीमिया, माहवारी, (मासिक
चक्र) स्वच्छता के सम्बंधी विशेष जानकारीयां हैं | यह पुस्तिका किशोरियों के लिए
स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के अभ्यासों के सन्दर्भ में जानकारी का महत्वपूर्ण माध्यम
होगा | मेले में संतुलित भोजन एवं उनके
पोषक तत्वों, माहवारी (मासिक चक्र) में स्वच्छता एवं पोषण व्यवहार, हैण्ड वाशिंग
प्रक्रिया, किशोरावस्था में किशोरी का सही वजन, आदि विभिन्न सन्दर्भ सामग्री के
स्टॉल,
लगाए गए |
जिनमें किशोरियों को जानकारी के साथ स्वच्छ एवं स्वस्थ रखने वाले वैज्ञानिक
व्यवहारों को अभ्यास में लाने के लिए प्रेरित किया गया |
इस मौके पर बालिका सुरक्षा के मद्देनजर “
इशिता एक्सप्लेन गुड टच बैड टच ” माहवारी
पर “ मेन्सटोपीडिया ” नाम की कार्टून फिल्म ” सहित अन्य कई लघु
फिल्मों के माध्यम से माहवारी विषय पर विस्तृत जानकारी किशोरियों को दिया | माहवारी
के सन्दर्भ में व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने के उद्देश्य से क्विज
काँटेक्स का आयोजन किया गया, जिसमें सही जवाब देने वाली किशोरियों को ईनाम
स्वरूप सेनेट्री पैड दिया गया |कार्यक्रम में पुआरी कला ग्राम की निवासिनी
अनीता देवी को अपने पहले बच्चे आयुष को 6 माह तक केवल स्तनपान कराने के लिए माता
पिता एवं बच्चे कि फोटो फ्रेम सहित एवं कटोरा, गिलास, चमच्च एवं खिलौना प्रोत्साहन
स्वरूप दिया गया |
ब्लाक प्रमुख डा. अशोक पटेल जी ने
किशोरियों को सम्बोधित करते हुए कहाकि आज कि किशोरी कल कि जननी है अत: हम सभी को
उनके पोषण एवं स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा, जिससे वे वे मजबूत राष्ट्र निर्माता
बने | संस्था कि मैनेजिंग ट्रस्टी श्रुति नागवंशी ने कहाकि किशोरावस्था कई
प्रकार के बदलाव किशोर एवं किशोरियों के शरीर में आतें हैं, जिनके बारे में झिझक
के कारण किसी से पूछ नही पाते हैं | चुकीं किशोरियों शरीर में विशेष प्रकार कि
प्रक्रिया कि शुरुआत होती जिसे माहवारी या मासिक चक्र कहते हैं | जिसका उनके शरीर
पर गहरा असर पड़ता है परिणामस्वरूप वे एनीमिया, संक्रमण से जूझती रहती हैं लेकिन
परिवार इन मुद्दों को गम्भीरता से नही लेता है | लैंगिक विषमता के उनकी पोषण
सम्बंधी जरूरतें भी शरीर कि आवश्यकता अनुसार पूरा नही हो पाता है | ऐसे में उनके
स्वास्थ्य एवं पोषण कि देखभाल करना हम वयस्कों का कर्तव्य एवं किशोरियों बुनियादी
अधिकार है |
मेले के आयोजन के पूर्व संस्था द्वारा किशोरी
स्वास्थ्य एवं पोषण विषय पर 27 कार्यशाला में कुल 552 किशोरियों और माहवारी एवं स्वच्छता
विषय पर 19
कार्यशाला में कुल 338 किशोरियों को सन्दर्भ सामग्री (IC मैटेरियल) के सहयोग से जानकारी देने
का प्रयास किया गया था । कार्यशाला के दौरान हमें यह जानकारी हुआ कि, माहवारी के दौरान किशोरियों में जानकारी के अभाव
में अस्वच्छ एवं संक्रमणीय व्यवहार अभ्यास में प्रचलित है । आर्थिक संसाधनों के
साथ ही लैंगिक विषमता के कारण पोषण व्यवहार भी उचित नही है । कार्यक्रम में प्रमुख
रूप से संस्था के स्वास्थ्य कार्यकर्ता शोभनाथ, आनन्द निषाद, मंगला राजभर, प्रतिमा
पाण्डेय, ब्रिजेश पाण्डेय, सुभाष संजय राजभर, विनोद एवं सितारा सहित कई
कार्यकर्ताओं द्वारा विभिन्न स्टॉल पर सन्दर्भ जानकारी सन्दर्भ सामग्रियों के
माध्यम से देकर मेले के आयोजन को सफल बनाया
सुरक्षित मातृत्व, नवजात शिशु एवं बाल स्वास्थ्य देखभाल के लिए “ महिला एवं बाल स्वास्थ्य पोषण परामर्श और निगरानी केंद्र
सुरक्षित मातृत्व, नवजात शिशु एवं बाल स्वास्थ्य देखभाल
के लिए “ महिला एवं बाल स्वास्थ्य पोषण परामर्श और निगरानी केंद्र ” की स्थापना ‘
चाइल्ड राइट्स एंड यू ‘ के सहयोग से किया गया ....
वाराणसी, बडागांव बसनी बाजार में चाइल्ड
राइट्स एंड यू (क्राई) के सहयोग से जनमित्र न्यास संस्था द्वारा
संचालित “महिला एवं बाल स्वास्थ्य पोषण परामर्श और निगरानी केंद्र“ का उद्घाटन एडिशनल
मुख्यचिकित्साधिकारी डा० ए. के. गुप्ता एवं संयुक्त निदेशक सुश्री अंशु सिंह
द्वारा रिबन काटकर किया गया |
परामर्श और निगरानी केंद्र का मुख्य फोकस बच्चे के पहले 1000 दिनों / गोल्डेन डेज में आवश्यक देखभाल होगा | हमारा प्रयास होगा कि, नवजात शिशु मृत्यु (IMR) बाल मृत्यु दर (CMR) मातृत्व मृत्यु दर (MMR) एवं बच्चों में कुपोषण दर में बड़ी संख्या में कमी लाए और मानव विकास सूचकांकों में बेहतर परिणाम सामने आए |


पैरवी संयोजक मंगला राजभर ने बताया कि, परामर्श
और निगरानी केंद्र विशेषकर मुसहर, नट, घरकार जैसी अतिवंचित जातियों को सभी प्रकार
से जागरूक करते हुए सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य एवं पोषण सुरक्षा कार्यक्रमों
से भी शत प्रतिशत जोड़ने का काम करेगा |
केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर अनेई, पिंडरा, पुआरी खुर्द आयर एवं पुआरी कला आदि कई गाँवों से महिलाएं भी शामिल हुई | कार्यक्रम में प्रमुख रूप से संस्था के स्वास्थ्य कार्यकर्ता आनन्द निषाद मंगला राजभर, संजय राजभर, विनोद, संध्या, सुमन, शोभनाथ, प्रतिमा पाण्डेय, ब्रिजेश पाण्डेय, सुभाष एवं सितारा उपस्थिति रहे ।
Wednesday, 3 October 2018
एक्सक्लुसिव ब्रेस्ट फीडिंग
- माँ गीता द्वारा पहले बच्चे आयुष को 6 माह तक केवल स्तनपान (एक्सक्लुसिव ब्रेस्ट फीडिंग) के व्यवहार को अपनाए जाने पर प्रोत्साहन स्वरूप फैमिली फोटो फ्रेम सहित, कटोरा, गिलास, चम्मच एवं खिलौना उपहार में दिया गया । पिछले कई वर्षों से संस्था कार्यकर्ता सुरक्षित मातृत्व, नवजात शिशु एवं बाल देखभाल के मुद्दे पर वंचित समुदाय के बीच काम कर रहे हैं , लेकिन इस सन्दर्भ में सूचकांक काफी खराब है । समुदाय के पास ज्ञान/ जानकारी है, किन्तु व्यवहार में लिंग, जाति, धर्म आर्थिक असमानता के प्रभाव से अभ्यास अवैज्ञानिक अतार्किक तौर तरीके के हैं । जिसका बुरा प्रभाव बच्चों के स्वास्थ्य एवं विकास पर पड़ रहा है। संस्था Exclusive breast feeding के प्रोत्साहन के लिए अन्य दो माताओं को उपहार देकर सार्वजनिक सम्मान करेगा ।#Exclusivebreastfeeding#pvchrjmn
Saturday, 29 September 2018
Wednesday, 19 September 2018
Wednesday, 5 September 2018
Tuesday, 4 September 2018
स्तनपान की सफल कहानी
नवजात शिशु का नाम - काजल
लिंग - F
जन्म तिथि 28 दिसम्बर 2017
माता का नाम - रिमा
पिता का नाम - लोरिफ बनवासी
जाति – अनुसूचित
जाति
उप जाति - मुसहर
पता
ग्राम - अनेई
टोला - मुसहर
बस्ती
ग्राम पंचायत - अनेई
विकास खंड - बड़ागांव
जनपद – वाराणसी ।
प्रसूता रीमा का प्रसव 28 दिसंबर 2017 को
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव वाराणसी हुआ जन्म के समय शिशु का वजन 3 किग्रा
था शिशु को प्रसूता द्वारा सास गंगाजली व स्टाफ नर्स के सहयोग से शिशु को जन्म के तुरन्त बाद
कोलेस्ट्रम पिलाया गया । वही प्रसूता रीमा एंबुलेंस 102 से प्रसव कराने गई
और एंबुलेंस 102 से घर वापस जिनको कार्यकर्ताओं द्वारा गर्भावस्था के दौरान सही
खान-पान सहित नवजात शिशु को संस्थागत प्रसव व कोलेस्ट्रम पिलाने सहित छः माह तक किसी को सिर्फ
स्तनपान कराने व टीकाकरण के संदर्भ में जानकारी दिया जा रहा था । प्रसव होने के बाद रीमा पहले की तरह पूर्ण रूप
से घर का काम नहीं कर पा रही थी वही ससुर मुन्ना बनवासी द्वारा काम करने का दबाव
रीमा के पति लोरिफ पर लगातार बना रहे थे की तुम्हारी पत्नी रीमा काम नहीं करती क्या बच्चा सिर्फ उसी को पैदा हुआ है और किसी को
बच्चा कभी नहीं पैदा हुआ था जिसके बाद प्रसूता की सास गंगाजली द्वारा घरेलू काम करने, पेड़ से लकड़ी तोड़ कर लाने, को लेकर रीमा व लोरिफ बनवासी फिर झगड़ा कीच-कीच करती रहती थी । वही लोरिफ द्वारा पत्नी रीमा पर लगातार यह दबाव रहता था कि नवजात शिशु को देख
रेख पूर्ण रुप से करो परिवार
के किसी सदस्यों की बातों पर ध्यान मत दो । जिसके
बाद प्रसूता के ससुर मुन्ना बनवासी
द्वारा लोरिफ को परिवार से अलग कर दिया
गया इसके बाद लोरिफ दिहाड़ी मजदूरी का काम
कर परिवार का खर्चा चलता है । उपरोक्त
परिवार में वर्तमान समय में किसी प्रकार का कोई राशन कार्ड भी नहीं है दादा के नाम
से बना जर्जर आवास में लोरिफ अपने परिवार के साथ रहता है मेहनत मजदूरी का काम
स्वयं करता है वही पत्नी रिमा को अपने साथ काम करने का कोई दबाव नहीं बनाते पत्नी रीमा को नवजात शिशु
काजल का देख-रेख करती है रिमा ने काजल को 6 महीने तक
सिर्फ अपना दूध पिलाया है ।
डब्लूएचओ मानक अनुसार नवजात शिशु आकाश का पोषण मैपिंग ।
वजन तिथि
|
वजन
|
उम्र
|
पोषण ग्रेड
|
28/12/2017
|
3.000 किग्रा
|
जन्मके समय
|
सामान्य
|
05/4/2018
|
5.600 किग्रा
|
3 माह
|
सामान्य
|
05/7/2018
|
6.900 किग्रा
|
6 माह
|
सामान्य
|
स्तनपान की सफल कहानी
नवजात शिशु का नाम - आकाश
लिंग -
M
जन्म तिथि 06 जनवरी 2018
माता का नाम - सरिता
पिता का नाम - महेंद्र बनवासी
जाति – अनुसूचित जाति
उप जाति - मुसहर
पता
ग्राम - अनेई
टोला - मुसहर बस्ती
ग्राम पंचायत - अनेई
विकास खंड - बड़ागांव
जनपद – वाराणसी ।
नवजात शिशु का 1 फरवरी 2018 को समय लगभग शाम 07:00 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव वाराणसी में जन्म हुआ । जन्म के समय नवजात शिशु का वजन मात्र 1 किलो 500 ग्राम था वही जन्म के बाद आकाश बेहोशी की हालत में था जिसके बाद स्टाफ नर्स द्वारा कंगारू थेरेपी दिया गया जिसके लगभग आधे घंटे बाद आकाश को होश आया तब रोना शुरु किया । जिसके बाद आकाश की दादी शकुंतला देवी द्वारा क्षेत्रीय आशा मनोरमा सिंह के सहयोग से नवजात शिशु को कोलेस्ट्रम माता सरिता द्वारा पिलाया गया । इसी बीच स्टाफ नर्स का रात लगभग 8:00 बजे ड्यूटी का शिफ्ट बदल गया उपरोक्त स्टाफ नर्स द्वारा किसी प्रकार का नवजात शिशु को रेफरल नहीं किया गया रात लगभग 12:00 बजे उपरोक्त पीएचसी में कार्यरत दाई सरोजा सिंह द्वारा प्राइवेट हॉस्पिटल में मौखिक रूप से नवजात शिशु को भर्ती कराने को नवजात शिशु की दादी शकुंतला को सलाह दिया गया जिस पर शकुंतला द्वारा उपरोक्त दाई से पूछा गया कि हमारे जन्में पोते को किसी प्रकार का बीमारी तो नहीं है तो दाई सरोजा सिंह द्वारा बताया गया कि नहीं तुम्हारे पोते को किसी प्रकार का बीमारी नहीं है वह वजन के अनुसार बहुत कमजोर है यही दिक्कत है जिसके बाद नवजात शिशु की दादी शकुंतला चुपचाप दाई सरोजा की बात को अनसुना कर दी सुबह लगभग 10:00 बजे स्टाफ नर्स द्वारा एंबुलेंस 102 से नवजात शिशु सहित प्रसूता सरिता को वापस घर भेज दिया गया ।
इसके बाद उपरोक्त जनवरी में
कड़ाके की ठंड चल रही थी उपरोक्त ठंड में शकुंतला देवी अपनी बहू सरिता को ठंड से
बचने व नवजात शिशु को हर समय छुपाकर रखने का सलाह देती रही जब सरिता थोड़ा भी अनसुना करती थी तो सांस शकुंतला
द्वारा स्वयं बच्चे को ढककर रखती थी हर समय बच्चा
या तो मां की या तो दादी की शरीर से लगा रहता था जन्मे शिशु को तेल से मालिश स्वयं दादी शकुंतला
करती थी और कभी कभी बहु सरिता शिशु का तेल मालिश करती थी और जब जब बच्चा दूध
पीने का हरक्क्त करता तो प्रसूता सरिता शिशु को अपना दूध पिलाती थी वही हर समय साये की तरह बहू सरिता और शिशु पर दादी शकुंतला बहुत ध्यान देती है और हर
समय निगरानी करती रहती थी कि शिशु दूध पिया है कि नहीं शिशु का मालिक होने का समय
हो गया मालिश करना इस तरह की तमाम गतिविधियाँ करती रही कार्यकर्ता द्वारा प्रसूता
सरिता देवी वर्षा शकुंतला को समय समय पर जानकारी दिया जाता है । उपरोक्त परिवार
में नवजात शिशु के दादा विश्वनाथ उर्फ बिल्ला मुसहर अपने स्वयं ठाकुर के घर मजदूरी
करते है लेकिन कभी भी घर की महिलाओं को काम का दबाव नहीं बनाते । उसी तरह सरिता की
सास शकुंतला भी बस्ती में हो रहे सास बहू के झगड़े को देखते हुए जब किसी को समझाने
गई तो उनको लोग कहते थे कि चलो तुम्हारी बहू आएगी तो हम लोग देखेंगे जिसके बाद कोई
शकुंतला द्वारा जवाब दिया जाता था कि जब हमारी बहू आएगी तो देखना । अपने बहू के हिस्से
का काम अपनी किशोरावस्था की बेटी को लेकर स्वयं करती थी बेटी का विवाह हो गया वह अपने ससुराल चली
गई अभी भी घर का अधिकतर कार्य स्वयं सास शकुंतला करती है
बहू सरिता को कहती है कि कोई काम मत करो सिर्फ सिर्फ बच्चे का देखरेख व उसे दूध
पिलाओ और कोई काम करने की जरूरत नहीं है सब काम हम करेंगे । नवजात शिशु का नियमित
देखभाल से धीरे धीरे स्वास्थ्य में सुधार होने लगा पहले महीने कुछ सुधार हुआ लेकिन
जिसमें आकाश गंभीर की श्रेणी में ही रहा दूसरे महीने आकाश आंशिक की श्रेणी में आया
और तीसरे आकाश स्वस्थ हो गया और छह महीना तक सिर्फ अपनी मां का स्तनपान किया है ।
डब्लूएचओ मानक अनुसार नवजात शिशु आकाश
का पोषण मैपिंग ।
वजन तिथि
|
वजन
|
उम्र
|
पोषण ग्रेड
|
06/01/2018
|
1.500 किग्रा
|
जन्मके समय
|
गंभीर कुपोषित
|
03/2/2018
|
2.700 किग्रा
|
1 माह
|
गंभीर कुपोषित
|
10/3/2018
|
4.100 किग्रा
|
2 माह
|
आंशिक कुपोषित
|
05/4/2018
|
5.100 किग्रा
|
3 माह
|
सामान्य
|
05/7/2018
|
6.700 किग्रा
|
6 माह
|
सामान्य
|
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