Tuesday 4 September 2018

स्तनपान की सफल कहानी


स्तनपान की सफल कहानी
नवजात शिशु का नाम - आकाश
लिंग -  M
जन्म तिथि 06 जनवरी 2018
माता का नाम - सरिता
पिता का नाम - महेंद्र बनवासी
जाति अनुसूचित जाति
उप जाति - मुसहर
पता
ग्राम - अनेई
टोला - मुसहर बस्ती
ग्राम पंचायत - अनेई
विकास खंड - बड़ागांव  
जनपद वाराणसी

नवजात शिशु का 1 फरवरी 2018 को समय लगभग शाम 07:00 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव वाराणसी में जन्म हुआ । जन्म के समय नवजात शिशु का वजन मात्र 1 किलो 500 ग्राम था वही जन्म के बाद आकाश बेहोशी की हालत में था जिसके बाद स्टाफ नर्स द्वारा कंगारू थेरेपी दिया गया जिसके लगभग आधे घंटे बाद आकाश को होश आया तब रोना शुरु किया । जिसके बाद आकाश की दादी शकुंतला देवी द्वारा क्षेत्रीय आशा मनोरमा सिंह के सहयोग से नवजात शिशु को कोलेस्ट्रम माता सरिता द्वारा पिलाया गया । इसी बीच स्टाफ नर्स का रात लगभग 8:00 बजे ड्यूटी का शिफ्ट बदल गया उपरोक्त स्टाफ नर्स द्वारा किसी प्रकार का नवजात शिशु को रेफरल नहीं किया गया रात लगभग 12:00 बजे उपरोक्त पीएचसी में कार्यरत दाई सरोजा सिंह द्वारा प्राइवेट हॉस्पिटल में मौखिक रूप से नवजात शिशु को भर्ती कराने को  नवजात शिशु की दादी शकुंतला को सलाह दिया गया जिस पर शकुंतला द्वारा उपरोक्त दाई से पूछा गया कि हमारे जन्में पोते को किसी प्रकार का बीमारी तो नहीं है तो दाई सरोजा सिंह द्वारा बताया गया कि नहीं तुम्हारे पोते को किसी प्रकार का बीमारी नहीं है वह वजन के अनुसार बहुत कमजोर है यही दिक्कत है जिसके बाद नवजात शिशु की दादी शकुंतला चुपचाप दाई सरोजा की बात को अनसुना कर दी  सुबह लगभग 10:00 बजे स्टाफ नर्स द्वारा एंबुलेंस 102 से नवजात शिशु सहित प्रसूता सरिता को वापस घर भेज दिया गया ।
इसके बाद उपरोक्त जनवरी में कड़ाके की ठंड चल रही थी उपरोक्त ठंड में शकुंतला देवी अपनी बहू सरिता को ठंड से बचने व नवजात शिशु को हर समय छुपाकर रखने का सलाह देती रही जब सरिता  थोड़ा भी अनसुना करती थी तो सांस शकुंतला द्वारा स्वयं बच्चे को ढककर  रखती थी  हर समय बच्चा  या तो मां की  या तो दादी की  शरीर से लगा रहता था  जन्मे शिशु को तेल से मालिश स्वयं दादी शकुंतला करती थी और कभी कभी बहु सरिता   शिशु का तेल मालिश करती थी और जब जब बच्चा दूध पीने का हरक्क्त करता तो प्रसूता सरिता शिशु को अपना दूध पिलाती थी वही  हर समय साये की तरह बहू सरिता और  शिशु पर दादी शकुंतला बहुत ध्यान देती है और हर समय निगरानी करती रहती थी कि शिशु दूध पिया है कि नहीं शिशु का मालिक होने का समय हो गया मालिश करना इस तरह की तमाम गतिविधियाँ करती रही कार्यकर्ता द्वारा प्रसूता सरिता देवी वर्षा शकुंतला को समय समय पर जानकारी दिया जाता है । उपरोक्त परिवार में नवजात शिशु के दादा विश्वनाथ उर्फ बिल्ला मुसहर अपने स्वयं ठाकुर के घर मजदूरी करते है लेकिन कभी भी घर की महिलाओं को काम का दबाव नहीं बनाते । उसी तरह सरिता की सास शकुंतला भी बस्ती में हो रहे सास बहू के झगड़े को देखते हुए जब किसी को समझाने गई तो उनको लोग कहते थे कि चलो तुम्हारी बहू आएगी तो हम लोग देखेंगे जिसके बाद कोई शकुंतला द्वारा जवाब दिया जाता था कि जब हमारी बहू आएगी तो देखना । अपने बहू के हिस्से का काम अपनी किशोरावस्था की बेटी को लेकर स्वयं करती थी  बेटी का विवाह हो गया वह अपने ससुराल चली गई  अभी भी  घर का अधिकतर कार्य स्वयं सास शकुंतला करती है बहू सरिता को कहती है कि कोई काम मत करो सिर्फ सिर्फ बच्चे का देखरेख व उसे दूध पिलाओ और कोई काम करने की जरूरत नहीं है सब काम हम करेंगे । नवजात शिशु का नियमित देखभाल से धीरे धीरे स्वास्थ्य में सुधार होने लगा पहले महीने कुछ सुधार हुआ लेकिन जिसमें आकाश गंभीर की श्रेणी में ही रहा दूसरे महीने आकाश आंशिक की श्रेणी में आया और तीसरे आकाश स्वस्थ हो गया और छह महीना तक सिर्फ अपनी मां का स्तनपान किया है ।
डब्लूएचओ मानक अनुसार नवजात शिशु आकाश का पोषण मैपिंग ।
वजन तिथि
वजन
उम्र
पोषण ग्रेड
06/01/2018
1.500 किग्रा
जन्मके समय
गंभीर कुपोषित
03/2/2018
2.700 किग्रा
1 माह
गंभीर कुपोषित
10/3/2018
4.100 किग्रा
2 माह
आंशिक कुपोषित
05/4/2018
5.100 किग्रा
3 माह
सामान्य  
05/7/2018
6.700 किग्रा
6 माह
सामान्य



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