03 अगस्त, 2013
सेवा में ,
श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक
वाराणसी |
विषय :- बारह वर्षीय बेसहारा बच्चे को चोरी के
आरोप में नंगा कर हाथ पैर रस्सी से बांधकर सड़क के किनारे धूप में फेंकने कि घटना
में बडागांव पुलिस के फैंटम दस्ता द्वारा देखकर भी बच्चे कि मदद नही किये जाने और नंगा
किये जाने को जायज ठहराने कि शिकायत वाराणसी पुलिस के फेसबुक पर किये जाने के बाद
अगले दिन बालक कि बड़ी बहन पर दबाव बनाकर घटना के लिए स्वंय उसे जिम्मेदार बनाने के
सन्दर्भ में |
महोदय,
वाराणसी
के बडागांव थाना अंतर्गत ग्राम रामपुर पोस्ट बसनी निवासी बारह वर्षीय बच्चा जिसका
नाम वीरू पुत्र कयूम माँ स्व. मन्नी है | वीरू को गाँव की ही महिला मदीना द्वारा
चोरी के आरोप में बुरी तरह से मार पीटकर पूरी तरह नंगा करके हाथ – पैर रस्सी से
कसकर बांध कर बसनी से वाराणसी राजमार्ग पर सड़क के किनारे फेंक दिया था | सड़क के
किनारे बहुत भीड़ लगा था वंहा बडागांव थाना
कि पुलिस का फैंटम दस्ता भी आकर रुका था यह देखकर वाराणसी कि तरफ आ रहे मानवाधिकार
कार्यकर्ता मंगला प्रसाद भी रुक गये | इतने में पहले से रुके फैंटम दस्ते द्वारा
घटना कि जानकारी ले लिया गया था, फैंटम दस्ता यह कहते हुए निकल गये कि बच्चे ने
चोरी किया है तब तो ठीक किया है जो यह बाँधा गया है आप लोग इसे थाने लेकर आइये
मुकदमा दर्ज कराइए | मानवाधिकार कार्यकर्ता मंगला प्रसाद द्वारा वंहा उपस्थित
ग्रामीणों से मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहाकि बच्चे को इस प्रकार बच्चे के साथ मार पिटाई और नंगाकर बाँधा जाना
गैरकानूनी कार्य है आप लोग तुरंत इसे खोल दें | बहुत समझाने और कानून का भय दिखाने
के बाद वंहा उपस्थित लोगो ने बच्चे को खोल दिया है | बालक वीरू कि माँ गुजर गयी
है, पिता ने दूसरी शादी कर लिया है यह परिवार निहायत गरीब है, वीरू का बड़ा भाई
बहुविकलांग है तथा एक बहन भी है | विदित हो कि पड़ोसी महिला मदीना से वीरू के
परिवार का पुराना रंजिस और मुकदमा भी चल रहा है | इस सन्दर्भ में पूरी जानकारी
वंहा आसपास खड़े ग्राम निवासियों ने दिया |
किन्तु इस घटना में जिस प्रकार महिला मदीना द्वारा बच्चे को पूरी तरह से
निर्वस्त्र करके कसकर रस्सी से बाँध कर धूप
में रखा गया था वह बहुत ही अमानवीय कृत्य है | वंही बडागांव में उस समय फैंटम
दस्ता द्वारा भी घटना को देखकर कोई कानून के दृष्टीगत पहल नही कि गयी बल्कि कानून
तोड़ने वाले अमानवीय कार्य को सही ठहराया गया |
दिनांक 2 अगस्त 2013 को मानवाधिकार जननिगरानी
समिति के फेसबुक एकाउंट “चिल्ड्रेन वायस इण्डिया” से शाम 4 बजकर 35 मिनट पर “वाराणसी पुलिस” के
फेसबुक पर इसकी शिकायत कि गयी | जिसके बाद बडागाँव थाना से एक SI (दरोगा) व एक
सिपाही पीड़ित बारह वर्षीय बच्चे वीरू के घर पर पहुचकर वीरू की तेरह वर्षीया बहन
सबीना को पुलिस वाले डरा-धमका कर सुलहनामा लिखवा लिया गया | सुलहनामा में लिखा था कि बहन
सबीना अपने भाई वीरू को रस्सी से बांधा था इस धमका कर साईन करा लिया पुलिस वाले यह
सुलहनामा लेकर चले गए | विदित हो कि पीड़ित वीरू अपने तेरह वर्षीया बहन सबीना और
पन्द्रह वर्षीय भाई शादाब के साथ में अकेले रहता है | बच्चों के पिता अपनी दूसरी
पत्नी के साथ सूरत गुजरात में रहते हैं एवं वीरू कि पिटाई करने वाली महिला मदीना
बच्चों कि बड़ी माँ है जो बच्चों से हमेशा अपने घर का काम काज कराती रहती है बच्चे
अपने घर में खुद खाना बनाकर रुखी सूखी खा कर किसी तरह जीवन बिता रहे हैं | पुलिस
द्वारा इस प्रकार से नाबालिग बच्चे कि अमानवीय तरीके से पिटाई, उसे जानवरों से भी
बदत्तर तरीके से बाँधकर सड़क के किनारे फेंक देने वाली महिला के विरुद्ध क़ानूनी
कार्यवाही नही करने से बच्चों के विरुद्ध
अपराध करने की मानसिकता को बढ़ावा दिया जा रहा है |
बडागांव थाना कि पुलिस का यह व्यवहार निहायत ही कानून विरोधी है | इससे
स्पष्ट है की वाराणसी पुलिस को किशोर न्याय अधिनियम के सन्दर्भ में प्रशिक्षण कि
आवश्यकता है जिससे वे इस अधिनियम के अधीन काम करें |
अत: इस घटना को आप महोदय अपने संज्ञान में लेकर
तथ्यगत आधार पर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करावें | पीड़ित बच्चे के साथ किशोर न्याय
अधिनियम के अधीन कार्यवाही अथवा मदत किया जाये जिससे बालाधिकारों का संरक्षण हो
सके |
भवदीया
(मैनेजिंग ट्रष्टी)
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