पचहत्तर प्रतिशत बच्चें कुपोषण ग्रस्त
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0-5 वर्ष के बच्चों की
पोषण स्थिति रिपोर्ट
जनमित्र न्यास एंव
मानवाधिकार जनगिनरानी समिति द्वारा बाल अधिकार संरक्षण एंव सम्बंर्द्धन के उददेश्य
से कार्यरत परियोजना क्षेत्र के 21 गांव में 0-5 वर्ष के बच्चों की पोषण स्थिति
का आंकलन उनका वजन एंव लम्बाई नापकर अगस्त माह में किया गया। जिसमें यह तथ्य
उजागर हुआ कि केवल 25 प्रतिशत बच्चें ही स्वस्थ्य बचपन जी रहे हैं शेष 75 प्रतिशत
बच्चें कुपोषण की गंभ्भीर स्थितियों से जूझ रहे हैं| निम्न आकड़ो से कुपोषण की
स्थितियों को समझा जा सकता हैं |
|
लडकियां
|
प्रतिशत
|
लडके
|
प्रतिशत
|
टोटल
|
प्रतिशत
|
0-5 बच्चों की संख्या
|
375
|
48.70 %
|
395
|
51.29 %
|
770
|
|
पोषण
परीक्षण हुआ
|
293
|
78.13 %
|
314
|
79.49 %
|
607
|
78.83 %
|
स्वस्थ
बच्चों की संख्या
|
62
|
21.16 %
|
91
|
28.98 %
|
153
|
25.20 %
|
सामान्य
कुपोषण
|
106
|
36.17 %
|
126
|
40.12 %
|
232
|
38.22 %
|
आंशिक
कुपोषण
|
69
|
23.54 %
|
71
|
22.61 %
|
140
|
23.00 %
|
गम्भीर
कुपोषण
|
56
|
19.11 %
|
26
|
8.28 %
|
82
|
30.00 %
|
जिनका ईलाज हुआ
|
50
|
|
38
|
|
88
|
|
अगस्त माह 2012 में
लक्षित समुदाय के 770 बच्चों में 375 लडकियों एंव 395 लडको में संस्था द्वारा कुल 607
(78.83%) बच्चे जिनमे 293 लडकिया एंव 314 लडको की पोषण पहचान (वजन एंव लम्बाई नापकर) की गयी।
इनमें मुसहर, नट, मुस्लिम, चमार,राजभर फ़क़ीर धोबी सहित विभिन्न जातियों
के बच्चें शामिल थे।
607 बच्चें जिसमें 293
लडकियां 314 लडके थे उनमें से केवल 153(25%) बच्चें (62लडकियां 91लडके) ही
स्वस्थ्य पाए गये। इन 153 बच्चों में देखा जाए तो लड़कियों की तुलना में 29 लडकें
अधिक बेहतर स्थिति में हैं वही लड़कियों की स्थिति खराब अवस्था में हैं |
Ø 454 (607-153=454) बच्चों में(38.22%)106 लडकियां 126 लडके
सामान्य कुपोषण की अवस्था में रहे
|
Ø 69
लडकियां एंव 71 लडके कुल 140 (23%) बच्चें आंशिक कुपोषण की
अवस्था में रहे ।
Ø 56 लडकियां और 26 लडके कुल
82 (13%) बच्चें गम्भीर कुपोषण से ग्रस्त पाये गये।

अगस्त
2012 से 46 बच्चों की लगातार ट्रेकिंग की गयी |नवम्बर में बच्चों की तुलनात्मक
स्थिति में आये परिवर्तन के आकड़े निम्न है |
पोषण स्तर
|
लडकियां
|
लडके
|
कुल संख्या
|
|||
Aug
|
Nov
|
Aug
|
Nov
|
Aug
|
Nov
|
|
स्वस्थ्य बच्चें
|
0
|
1
|
0
|
0
|
0
|
1
|
सामान्य कुपोषण
|
0
|
5
|
0
|
3
|
0
|
8
|
आंशिक कुपोषण
|
2
|
15
|
0
|
5
|
2
|
20
|
गम्भीर कुपोषण
|
33
|
10
|
11
|
3
|
44
|
13
|
कुल संख्या
|
35
|
31
|
11
|
11
|
46
|
42
|
Ø 3 लड़किया एवं 1 लड़का अपने
माता पिता के साथ आर्थिक कारणों से प्रवास कर गए है जिससे उनकी वर्तमान पोषण
स्थिति की जानकारी नहीं हो पा रही हैं |
Ø गम्भीर कुपोषण से ग्रस्त
82 बच्चों में 50 लडकियों 38 लडकों सहित 6 अन्य बच्चों को प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्र बडागाँव, पिण्डरा एंव प0 दीन दयाल
मण्डलीय चिकित्सालय में चिकित्सीय परीक्षण एंव इलाज कराया गया।
Ø संस्था द्वारा लगातार 46
बच्चों में 35 लडकियों एंव 11 लडकों की लगातार स्वास्थ्य जॉच एंव निगरानी की गयी।
इन 46 बच्चों में 33 लडकियां 11 लडके
गम्भीर कुपोषण ग्रस्त एंव 2 लडकियां जो
आंशिक कुपोषण ग्रस्त थी |
Ø संस्था के कार्यकताओं, आई0सी0डी0एस0 विभाग एंव बच्चों के
परिवारों द्वारा लगातार देखभाल के बाद आज भी 13 बच्चें जिनमें 10 लडकियां एंव 3
लडके गम्भीर कुपोषण की अवस्था में हैं।
Ø अगस्त माह में 44 गम्भीर
कुपोषण ग्रस्त बच्चों में से 20 बच्चें 15 लडकियां एंव 5 लडकें आंशिक कुपोषण कि
स्थिति में आ पाये हैं।
Ø मात्र 1 लडकी स्वस्थ्य
स्थिति में पहुँच पायी है, कुल 8 बच्चें, 5 लडकियाँ एंव 3 लडके गम्भीर अवस्था से
निकल कर सामान्य कुपोषण की अवस्था में आ पाये हैं।
लडकियों की पोषण
स्थिति बेहद चिन्ताजनक है। संस्था द्वारा आयर गांव के खास बस्ती, नई बस्ती एंव धोबी बस्ती
के गम्भीर कुपोषण से ग्रस्त 6 लडकियों एंव 2 लडकों को भूखमरी एंव कुपोषण से बचाव
हेतु आकस्मिक आर्थिक सहायता 1000 रुपया प्रति परिवार कुल 8000 हजार रुपये की
सहायता बच्चों के परिवारों को प्राप्त हुयी।
22 फरवरी 2012
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